पंजाब पुलिस के मोहाली में स्थित खुफिया दफ्तर में हुए धमाके की जांच जारी है। धमाके में कोई घायल नहीं हुआ है। धमाके के बाद दफ्तर की इमारत के शीशे टूट गए हैं। धमाका सोमवार शाम को 7:45 बजे हुआ है। यह धमाका रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड यानी आरपीजी के जरिये हुआ है।
एक पुलिस अफसर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आरपीजी को दो अज्ञात लोगों ने कुछ दूरी से दफ्तर पर फेंका। यह लोग कार में आए थे और इसके बाद वहां से भाग निकले। आरपीजी के जरिये फ़ायर किए जाने के बाद एक कार घटनास्थल से जाती हुई दिखी है। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों को खंगाला है और इन दो लोगों की तलाश कर रही है।
क्या है आरपीजी?
आरपीजी कंधे से दागी जाने वाली टैंक रोधी हथियार प्रणाली है जो विस्फोटकों से लैस रॉकेटों को दागती है। घटनास्थल पर मौजूद अफसरों ने कहा कि जिस आरपीजी का इस्तेमाल किया गया है उस पर मेड इन चाइना लिखा हुआ है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मामले में पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री ने पंजाब के डीजीपी से भी घटना को लेकर बात की है। सोमवार शाम को पंजाब पुलिस ने इस घटना को आतंकी हमला मानने से इनकार किया था लेकिन मंगलवार को मोहाली के एसपी रविंदर पाल सिंह ने कहा कि आतंकी हमला होने के एंगल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और पुलिस इस मामले में पूरी जांच कर रही है।
कुछ दिन पहले पटियाला में हिंदू और सिख संगठनों के बीच सांप्रदायिक तनाव हुआ था और उसके बाद से ही पूरे राज्य में पुलिस हाई अलर्ट पर है। इसके बीच ही पंजाब पुलिस के राज्य के सबसे बड़े दफ्तर पर धमाका होना चिंता की बात कही जा रही है।
रविवार को ही हिमाचल प्रदेश की विधानसभा के बाहर खालिस्तानी झंडे मिलने के मामले के कारण भी पुलिस अलर्ट पर है। बीते कुछ दिनों में पाकिस्तान से पंजाब में ड्रोन के जरिए आने वाले हथियारों की तस्करी बढ़ी है।
संवेदनशील सूबा है पंजाब
पंजाब बेहद संवेदनशील सूबा है और लंबे वक्त तक सिख आतंकवाद की चपेट में रहा है जिसकी वजह से हजारों सिखों और हिंदुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
आईएसआई की नजर
पंजाब एक सरहदी सूबा भी है और इसकी 550 किमी. सीमा पाकिस्तान से लगती है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर यह आरोप लगता रहा है कि वह पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश में जुटी रहती है। बीते साल हुए किसान आंदोलन के चलते पंजाब का सियासी पारा काफी हाई रहा था। किसान आंदोलन में खालिस्तान समर्थकों की घुसपैठ होने के आरोप केंद्र सरकार ने लगाए थे।
पन्नू की नापाक कोशिश
प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस का नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू विदेश में बैठकर लगातार सिखों को भड़काता रहता है। वह पंजाब में बैठे सिखों के लिए अलग देश यानी खालिस्तान बनाने के लिए भारत से लड़ने की बात कहता है।
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