पंजाब कांग्रेस के भीतर चल रहे जबरदस्त झगड़ों के कारण ख़ुशी से उछल रही आम आदमी पार्टी के अंदर भी हालात ठीक नहीं हैं। पंजाब में पार्टी के कार्यकर्ता सांसद भगवंत मान को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन न जाने क्यों पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल इसमें देर कर रहे हैं। इस वजह से मान के समर्थकों के सब्र का बांध टूट रहा है।
केजरीवाल लगातार पंजाब के दौरे कर रहे हैं। 2017 में अपने पहले ही चुनाव में मुख्य विपक्षी दल बनने में कामयाब रही आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि इस बार उसके भाग्य का छींका फूट सकता है। केजरीवाल दिल्ली के बाहर आम आदमी पार्टी के विस्तार के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। इसमें भी उनका फ़ोकस पंजाब पर ज़्यादा है।
लेकिन मुद्दा मुख्यमंत्री के चेहरे का है। हाल ही में पंजाब के दौरे पर आए केजरीवाल से पत्रकारों ने सवाल पूछा कि आपका मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा तो केजरीवाल ने सिर्फ़ इतना कहा कि हम ऐसा चेहरा घोषित करेंगे, जिस पर पंजाब की जनता को गर्व होगा।
मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने में देर होने से भगवंत मान के समर्थक परेशान हैं और कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं। उनका कहना है कि मान को चेहरा नहीं बनाया गया तो पार्टी को इसका सियासी खामियाजा भुगतना होगा।
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हालांकि केजरीवाल इस बात का एलान कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार सिख ही होगा लेकिन वह कौन होगा और वे कब इसका एलान करेंगे, इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा है।
भगवंत मान दो बार सांसद चुने जा चुके हैं और आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के प्रधान भी हैं। मान भी चाहते हैं कि उन्हें पंजाब में चेहरा घोषित किया जाए। कहा जाता है कि इसमें देरी होने से वह नाराज़ हैं।
केजरीवाल अपने भाषणों में भगवंत मान की तारीफ़ भी करते हैं लेकिन इसके बाद भी अब जब पंजाब के चुनाव में सिर्फ़ 4 महीने का वक़्त बचा है तो केजरीवाल मान पर दांव लगाने में क्यों हिचक रहे हैं।
पहले यह कहा जा रहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा सकते हैं लेकिन सिद्धू ने जिस तरह का माहौल पंजाब कांग्रेस में बनाया है, उससे केजरीवाल उन पर हाथ रखने में डरेंगे।
किसान आंदोलन से उम्मीद
मोदी सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन के कारण भी आम आदमी पार्टी को पंजाब में उसकी सरकार बनने की उम्मीद है। पंजाब के किसान जब दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पहुंचे थे तो केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उनके लिए ज़रूरी इंतजाम किए थे।
केजरीवाल ने ख़ुद कई बार सिंघु बॉर्डर पर जाकर दिल्ली सरकार की ओर से किसानों के लिए किए इंतजामों की समीक्षा की थी और वह किसानों के समर्थन में एक दिन के अनशन पर भी रहे थे।
कांग्रेस ने दलित सिख समुदाय से आने वाले चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर बड़ा दांव खेला है। ऐसे में केजरीवाल दलित सिख वर्ग से या फिर जट्ट सिख वर्ग के किस नेता को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाएंगे, इस पर सभी की नज़रें लगी हैं।
देखना होगा कि केजरीवाल कब मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान करते हैं, किस नेता को यह मौक़ा देते हैं। लेकिन यह ज़रूर कहा जा सकता है कि अगर भगवंत मान को पार्टी ने चेहरा नहीं बनाया तो उनके समर्थक बग़ावत कर सकते हैं और पार्टी को इससे कई सीटों पर नुक़सान हो सकता है।
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