पिछले महीने 18 मार्च को पुलिस एक्शन के बाद से दोनों एकसाथ फरार हो गये थे। इसके बाद से पुलिस उनको हर जगह खोज रही थी। हाल ही में खबर आई थी कि कुछ दिनों तक भटकने के बाद दोनों सरेंडर करने के लिए दिल्ली से पंजाब वापस लौट रहे थे। लौटते हुए वे पंजाब के होशियारपुर तक पहुंच गये थे। होशियारपुर पहुंचने पर पंजाब पुलिस ने उस संदिग्ध गाड़ी का पीछा किया। लेकिन पुलिस को कुछ हाथ लगता उससे पहले ही गाड़ी में बैठे लोग फरार हो गये।
पुलिस को शक था कि उस गाड़ी में अमृतपाल और पप्पलप्रीत सिंह थे। वहां से बच निकलने के बाद दोनों अलग-अलग रह रहे थे। इसके बाद से ही पंजाब पुलिस ने होशियारपुर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी, और हर घर की तलाशी ली जा रही थी।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक अमृतपाल का करीबी पप्पलप्रीत खुद को वीडियो पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता बताता है। वो खालिस्तान का समर्थन करने वाली एक वेबसाइट चलाता है। वो 2017 में सिमरनजीत सिंह मान की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) में शामिल हुआ था। कुछ दिन तक मान के साथ रहने के बाद उसने पार्टी छोड़ दी।
पप्पलप्रीत पर UAPA समेत पहले से कई संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं। उसे 2015 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबधों के चलते भी गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके बाद पप्पलप्रीत को 2016 में भी गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसियों को यह भी पता चला कि पप्पलप्रीत ने 2018-19 में अपने आयकर रिटर्न में जिस बैंक खाते की जानकारी दी थी, वेरिफिकेशन के दौरान वे फर्जी पाए गए थे। ऐसा एक भी खाता मौजूद नहीं था।
आयकर विभाग ने पप्पलप्रीत को दिसंबर 2022 में भी नोटिस जारी किया इसमें उसकी आय के स्रोत,चल और अचल संपत्तियों और बैंक खातों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। पप्पलप्रीत ने बताया था कि वह You Tube से हर महीने लगभग 8,000-20,000 रुपये और अपने डेयरी व्यवसाय से 15,000 रुपये कमाता है। उसके जवाब के बाद उसे फिर से एक नोटिस जारी किया गया क्योंकि आयकर विभाग उसके जवाब सेअसंतुष्ट था।
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