एक बेहद अहम घटनाक्रम में कांग्रेस नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ऑपरेशन ब्लू स्टार का ज़िक्र करते हुए कहा है कि जिस तरह आज पंजाब के किसानों का आन्दोलन चल रहा है, अतीत में वैसे ही पंजाब के लोगों ने 42 माँगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किए थे और बाद में ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी कार्रवाई की गई थी। यह महत्वपूर्ण इसलिए है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह उस कांग्रेस के नेता हैं, जिनके लोगों पर सिखों के नरसंहार के आरोप लगे थे, सज्जन कुमार जैसे कांग्रेसी नेता इस मामले में जेल में बंद हैं।
क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार?
बता दें कि 1984 में इंदिरा गांधी की सरकार ने अमृतसर स्थित सिखों के सबसे पवित्र गुरुद्वारा स्वर्ण मंदिर को आतंकवादियों से खाली कराने के लिए सेना भेज दी थी, इसे ऑपरेशन ब्लूस्टार कहा गया था। इससे सिखों की भावनाएँ आहत हुई थीं। बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सिख सुरक्षा गार्डों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी।
इसके ठीक बाद राजधानी दिल्ली और दूसरे कई शहरों में सिख-विरोधी दंगे हुए, जिनमें बहुत सारे सिख मारे गए थे। राजधानी दिल्ली में सिखों को ख़ास कर निशाना बनाया गया था। इस मामले में कांग्रेस के नेता जगदीश टाइटलर, हरि किशन लाल भगत, सज्जन कुमार और दूसरे कई लोगों पर आरोप लगे थे। सज्जन कुमार को 2019 में जेल की सज़ा सुनाई गई।
ऐसे में कांग्रेसी राज्य सरकार के मुख्यमंत्री का यह बयान राजनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक में यह चेतावनी भी दी थी कि पंजाब के लोगों का गुस्सा बढ़ता गया तो पाकिस्तान इसका फ़ायदा उठा सकता है। उन्होंने कहा,
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कहा, "स्थिति हाथ से बाहर निकल जाए, उसके पहले हमें इस समस्या का निपटारा कर लेना चाहिए। सीमा पार से बड़ी तादाद में ड्रोन, हथियार और गोले-बारूद की तस्करी की जा रही है।"
अमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री, पंजाब
उबल रहा है गुस्सा?
उन्होंने कहा कि यदि पंजाब के लोगों का गुस्सा बढ़ता गया तो पाकिस्तान उसका फ़ायदा उठा सकता है, लिहाज़ा, किसान आन्दोलन का जल्द समाधान निकाला जाना चाहिए। पंजाब सरकार ने इसके पहले एक बयान में कहा कि यदि राज्य में शांति नहीं रहेगी तो उद्योग-धंधे चौपट हो जाएँगे।
अमरिंदर सिंह के इस बयान के दो एक दिन पहले ही राज्य के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और अकाली दल के बड़े नेता सुखबीर सिंह बादल के काफ़िले पर पथराव हुआ था, गोलियाँ चली थीं, जिसमें चार लोगों के घायल होने की पुष्टि पंजाब पुलिस ने की है। समझा जाता है कि लोगों का गुस्सा तमाम राजनीतिक दलों और उन राजनेताओं के ख़िलाफ़ बढ़ता जा रहा है जो किसान आन्दोलन के समर्थन में खुल कर नहीं आ रहे हैं।
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क्या कहना है सरकार का?
ऑपरेशन ब्लू स्टार का उल्लेख करना इस मामले में भी अहम है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि किसान आन्दोलन में खालिस्तानी तत्व घुस चुके हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा है कि इस आन्दोलन के पीछे खालिस्तानी हैं। बीजेपी के दूसरे नेता तो कई बार खालिस्तानियों के होने की बात कह चुके हैं।किसान नेताओं ने खालिस्तानी तत्वों के आन्दोलन में शामिल होने से इनकार कर दिया है। उन्होंने लाल किले पर सिखों के पवित्र झंडे निशान साहिब को फहराने का भी विरोध किया है और उसकी निंदा की है। किसान नेता राजेवाल ने खुद सिख होने के बावजूद कहा कि लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराया जाना ग़लत है।
ऐसे में पंजाब के मुख्यमंत्री का बयान बेहद अहम है।
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