loader

सिद्धू की बयानबाज़ी पर कैप्टन का एतराज, कैसे ख़त्म होगा झगड़ा?

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का झगड़ा कांग्रेस आलाकमान के लिए सिरदर्द बन गया है। आलाकमान जानता है कि इस घमासान का जड़ से ख़ात्मा नहीं किया गया तो यह राज्य की सत्ता से उसकी विदाई करा देगा। कांग्रेस नेताओं के बाग़ी गुट G-23 की ओर से दी जा रही चुनौती से भी आलाकमान जूझ रहा है और इस गुट के द्वारा उठाई गई स्थायी अध्यक्ष और आंतरिक चुनाव की मांग के बीच 24 जून को एआईसीसी की बैठक बुलाई गई है। 

मंगलवार को दिल्ली पहुंचे अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस आलाकमान की ओर से बनाए गए पैनल के सामने जोरदार विरोध दर्ज कराया और कहा कि विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने मीडिया में उनके ख़िलाफ़ बयानबाज़ी की है। 

ताज़ा ख़बरें

ख़बरों के मुताबिक़, सिद्धू ने जिस तरह कुछ मीडिया इंटरव्यू में कैप्टन को झूठा कहा है, इससे अमरिंदर सिंह बेहद नाराज़ हैं। कैप्टन ने इस बात पर एतराज जताया है कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रधान या डिप्टी सीएम बनाया जाए। पैनल ने कैप्टन से जो वादे अधूरे रह गए हैं, उन्हें बचे हुए महीनों में किए जाने के बारे में बात की।

देखिए, इस विषय पर वीडियो- 

सिद्धू के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो

एनडीटीवी के मुताबिक़, केंद्रीय नेतृत्व ने विधायकों द्वारा उठाई गई मांगों को लेकर कैप्टन से सफाई देने को कहा है। कई विधायकों ने कांग्रेस नेताओं के पैनल के सामने कैप्टन की शिकायत की थी। इंडिया टुडे के मुताबिक़, कैप्टन ने कहा कि अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करने पर सिद्धू के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए। 

सिद्धू ने कुछ ताज़ा मीडिया इंटरव्यू में 2015 के गुरू ग्रंथ साहिब के बेअदबी वाले मामले, सरकार की नीतियों की वजह से राजस्व का नुक़सान होने सहित कुछ और मुद्दों पर कैप्टन को घेरा है। 

2017 में पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सिद्धू दो साल तक अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में रहे लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने बग़ावती सुर अपना लिए और डेढ़ साल तक नाराज़ बैठे रहे।

उन्होंने मंत्री पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया था। सिद्धू को मनाने की लाख कोशिशें कांग्रेस आलाकमान की ओर से की गईं। इस बीच सिद्धू को लेकर चर्चा चली कि वह आम आदमी पार्टी में जा सकते हैं या अपना कोई राजनीतिक दल लांच कर सकते हैं और या फिर से बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। 

इस बीच, सिद्धू के ख़िलाफ़ उनके ही विधानसभा हलके अमृतसर (वेस्ट) में पोस्टर लगे कि वह ग़ायब हैं। इससे पहले भी जब सिद्धू इस इलाक़े से सांसद थे तब भी उनके ख़िलाफ़ ऐसे ही पोस्टर लगे थे। 

कांग्रेस नेताओं के पैनल ने अपनी सिफ़ारिश में कहा था कि सिद्धू को पंजाब में कोई अहम पद दिया जाना चाहिए। लेकिन सिद्धू ने मीडिया में कैप्टन के ख़िलाफ़ बयानबाज़ी कर अपना ही नुक़सान कर लिया है।

चाहते क्या हैं सिद्धू?

सिद्धू कह चुके हैं कि वह प्रो-पंजाब के एजेंडे पर काम करना चाहते हैं और उनकी अपनी कोई सियासी ख़्वाहिश नहीं है। जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि सिद्धू डिप्टी सीएम बनना चाहते हैं और उन्हें गृह विभाग भी चाहिए। यह भी कहा जाता है कि सिद्धू की नज़र प्रदेश कांग्रेस के प्रधान के पद पर है। लेकिन अमरिंदर इसके ख़िलाफ़ हैं। 

पंजाब से और ख़बरें
अब कांग्रेस आलाकमान कौन सा ऐसा रास्ता निकाले, जिससे वह इस घमासान से पार पा सके। मुख्यमंत्री को बदलने का जोख़िम वह उठा नहीं सकता क्योंकि चुनाव नज़दीक हैं। सिद्धू के अलावा भी कई लोग नाराज़ हैं, उनकी बातों को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पंजाब से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें