पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू क्या गांधी परिवार के इशारे पर कांग्रेस को खत्म करने की कोशिश में जुटे हैं। यह कठोर सवाल इसलिए पूछा गया है क्योंकि नवजोत सिंह सिद्धू बीते कई महीनों से लगातार अनुशासनहीनता कर रहे हैं लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करना तो दूर कांग्रेस संगठन की ओर से उन्हें कोई नोटिस भी नहीं दिया गया है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर पंजाब की पिछली कांग्रेस सरकार को लेकर बयान दिया है। सिद्धू ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पंजाब में कांग्रेस 5 साल तक चले माफिया राज की वजह से हारी और इस माफिया राज में मुख्यमंत्री भी शामिल थे।
सिद्धू विधानसभा चुनाव से पहले भी कई बार तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ खुलकर नाराजगी जाहिर करते रहे और कई बार उन्होंने अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठने की धमकी भी दी थी।
सोशल मीडिया पर भी कई लोग यह सवाल उठा चुके हैं कि आखिर कांग्रेस सिद्धू को बर्दाश्त क्यों कर रही है और उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं करती।
मिली करारी हार
पंजाब के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तो करारी हार हुई ही, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपनी दोनों सीटों से और नवजोत सिंह सिद्धू भी अपना चुनाव हार गए। चुनाव में हार की असली वजह गुटबाजी और सिद्धू की बयानबाजी को माना गया। सिद्धू लगातार कुछ न कुछ ऐसा कहते रहे जिससे कांग्रेस की मुश्किलें पंजाब के अंदर बढ़ गईं।
जब अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री थे तो पहले सिद्धू ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया और उनकी विदाई के बाद वह चरणजीत सिंह चन्नी पर हमलावर हो गए।
सिद्धू चाहते थे कि कांग्रेस पंजाब के विधानसभा चुनाव में उन्हें अपना चेहरा बनाए लेकिन पार्टी ने जब चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मोहर लगाई तो इसे लेकर सिद्धू खासे नाराज दिखाई दिए।
विधानसभा चुनाव से पहले भी नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस की सरकार के कामकाज पर बात करने की बजाय अपने पंजाब मॉडल का ही जिक्र करते रहे और खुद को पार्टी का सबसे बड़ा नेता और पंजाब का सबसे बड़ा हितैषी साबित करने में जुटे रहे।
यहां याद दिलाना होगा कि सिद्धू ने अपनी जिद के कारण ही पंजाब में एडवोकेट जनरल और पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति के मामले में पार्टी को मुसीबत में डाल दिया था और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और तत्कालीन चरणजीत सिंह चन्नी सरकार को उनकी बात माननी पड़ी थी।
बड़ा नेता साबित करने की कोशिश
चुनाव नतीजे आने के बाद भी सिद्धू चुप नहीं हुए और लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा ने जब शुक्रवार को अपना कार्यभार संभाला तो सिद्धू वहां भी नहीं पहुंचे और बीते दिनों में उन्होंने तमाम हलकों में कांग्रेस नेताओं से मुलाकात कर खुद को कांग्रेस का सबसे बड़ा नेता साबित करने की कोशिश की है।
सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी कांग्रेस के अंदर कई बार उठ चुकी है लेकिन न जाने क्यों गांधी परिवार सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर कथित रूप से की गई विवादित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को तो नोटिस जारी किया लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू को अभी तक कोई नोटिस जारी नहीं किया गया।
कब होगी कार्रवाई?
ऐसे में सीधा सवाल यही है कि आखिर सिद्धू को कांग्रेस में संरक्षण कौन दे रहा है। क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू को कौन बचा रहा है और आखिर कांग्रेस कब सिद्धू पर अनुशासन का झंडा चलाएगी।
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