loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

जीत

चंपाई सोरेन
बीजेपी - सरायकेला

जीत

तेजस्वी और परिवार पर छापे नीतीश बोले "मैं क्या कह सकता हूं" 

लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ शुरु हुई जांच के बाद से गठबंधन के सदस्य और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी तक इस मसले पर शांत थे। राजनीतिक हलकों में उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा था। शनिवार को पत्रकारों नें उनसे इस मसले पर सवाल पूछा जवाब देते हुए “नीतीश कुमार ने कहा, 2017 में भी यही हुआ था। उसके पहले हम गठबंधन में साथ थे, सीबीआई के छापे के बाद हम अलग हो गये। उसके बाद 5 साल गुजरे, हम फिर से साथ आए, फिर से छापेमारी शुरु हो गई है, मैं इस मसले पर क्या कह सकता हूं”।  
बिहार की सियासत एक बार फिर से गरम है। कारण है, केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा 15 साल पुराने एक मामले लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की जांच। बीते दिनों सीबीआई ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देबी के घर लैंड फॉर जॉब के मामले में छापा मारा था। उसके बाद परिवार के कई और सदस्यों की अलग-अलग जगहों पर उनके घरों की जांच की जा रही है। शुक्रवार को जहां ईडी ने दिल्ली में तेजस्वी से पूछताछ की तो सीबीआई ने पटना में राबड़ी देवी से।
सीबीआई, तेजस्वी को एक बार पहले भी 4 मार्च को इसी मामले में समन जारी कर चुकी है लेकिन तब वे सीबीआई के समक्ष हाजिर नहीं हुए थे। तेजस्वी को सीबीआई का यह दूसरा नोटिस है।
ताजा ख़बरें
नीतीश की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब उनके डिप्टी तेजस्वी यादव को सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब के मामले में समन जारी किया है। नीतिश कुमार पत्रकारों से राजद के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन की एक पुनरावृत्ति का जिक्र कर रहे थे। जेडीयू और राजद का पिछला गठबंधन लालू यादव पर सीबीआई छापे के बाद टूट गया था। इस मामले में लालू प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में रेल मंत्री रहते हुए निविदाओं में धांधली की थी।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सीबीआई की यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। क्योंकि, दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी नेताओं ने शरद पवार की पहल पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। विपक्षी नेताओं ने अपने पत्र में जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर ध्यान दिलाया गया था और उनकी चिंताओं का तुरंत संज्ञान लेने को कहा था।
तेजस्वी यादव उन नौ नेताओं में से एक जिन्होंने इस पत्र में दस्तखत किये थे। गठबंधन का पार्टनर होने के बाद भी नीतीश ने इससे दूरी बनाये रखी थी। उसके बाद से जेडीयू-राजद गंठबंधन में सबकुछ ठीक न होने के कयास लगाए जा रहे थे।
2022 में अगस्त में गठबंधन में साथ आने के समय नीतीश और जेडीयू ने इस गठबंधन को काफी मजबूत कहा था जो अटूट है। नीतीश ने उस समय प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हम फिर से साथ आ रहे हैं तो सीबीआई ईडी जैसी जांच एजेंसियां फिर से आंएगी लेकिन इससे गठबंधन पर फर्क नहीं पड़ेगा। दोबारा से गठबंधन में आने के बाद से सरकार ने जातिगत जनगणना और कुछ में नौकरियां देने की प्राथमिकता दी थी।
राजनीति से और खबरें
दोबारा गठबंधन के बाद से कयास यह भी लगाए जा रहे थे कि नातीश कुमार अब केंद्र की राजनीति करेंगे और बि्हार की कमान वे तेजस्वी को सौंप देंगे। इसके संकेत खुद नीतीश कुमार ने ही दिए थे। लेकिन "अब मैं क्या कह सकता हूं कहकर उन्होंने बिहार की सियासत को फिर से उलझा दिया है। 
नीतिश कुमार हाल तक कांग्रेस सहित विपक्षी एकता बनाने के प्रयास करते दिख रहे थे। उन्होंने कांग्रेस से गठबंधन की कोशिशों में देरी न करने की अपील भी की थी, और कहा था लोग तैयार हैं और कांग्रेस आगे बढ़े। उन्होंने राहुल की भारत जोड़ो यात्रा की भी तारीफ भी की थी।    
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें