उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अब वाराणसी में दिग्गजों का जमघट लगने जा रहा है। वाराणसी और इसके आसपास के जिलों में सातवें चरण में 5 मार्च को मतदान होना है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 दिन तक वाराणसी में ही रुक कर बीजेपी के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, बीएसपी की सुप्रीमो मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार के रण में उतरेंगे।
सातवें चरण में पूर्वांचल के 9 जिलों की 54 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इन जिलों में आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, चंदौली और सोनभद्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से ही सांसद हैं और इस नाते बीजेपी को उम्मीद है कि पार्टी को अंतिम चरण में इसका बड़ा फायदा मिलेगा।
राजभर सपा के साथ
बीजेपी की मुश्किलें पूर्वांचल में इस बार इसलिए ज्यादा हैं क्योंकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर उसके साथ नहीं हैं। राजभर सपा के साथ हैं और सातवें चरण वाली कई सीटों पर ओमप्रकाश राजभर अच्छा-खासा दखल रखते हैं।
बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्वांचल की 61 में से 55 सीटों पर जीत मिली थी। इसके पीछे वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बीजेपी प्रत्याशियों के पक्ष में किया गया धुआंधार प्रचार ही था। लेकिन इस बार ओमप्रकाश राजभर के छिटकने के कारण बीजेपी को पिछली बार जैसी सफलता मिल पाएगी, यह कहना काफी मुश्किल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 से 5 मार्च तक वाराणसी में ही रहेंगे और इस दौरान वह बूथ लेवल तक के कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद करेंगे। इस दौरान वह 20000 पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी रोड शो भी निकालेंगे और चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
मोदी के अलावा बड़ी नजर ममता बनर्जी की अखिलेश यादव के साथ होने वाली रैली पर भी रहेगी। ममता ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव को समर्थन देने का एलान किया था और अंतिम चरण में जब वे बुधवार को अखिलेश यादव के साथ रैली करेंगी तो देखना होगा कि इसका क्या कोई फायदा सपा को मिलेगा।
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