कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
पीछे
कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
पीछे
हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट
आगे
नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग फिर से उठी है। इस बार यह मांग उनकी पार्टी जेडीयू से नहीं, सहयोगी पार्टी आरजेडी के एक वरिष्ठ नेता ने यह मांग उठाई है। लालू और तेजस्वी के क़रीबी भाई वीरेंद्र ने कहा है कि अगला प्रधानमंत्री बिहार से होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की मुहिम से विपक्ष एक मंच पर आया है।
तो सवाल है कि ऐसे में जब विपक्षी गठबंधन इंडिया के सभी दल बार-बार यह दोहरा रहे हैं कि पीएम उम्मीदवार पर फ़ैसला बाद में लिया जाएगा, तो समय समय पर इसकी मांग क्यों उठ रही है? यह मांग इसलिए भी अहम है कि हाल के दिनों में ये कयास लगाए जाते रहे हैं कि क्या नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन में अब उस तरह से बढ़-चढ़कर हिस्सा नहीं ले रहे हैं। कुछ रिपोर्टों में तो यह भी कहा जाता रहा है कि बीजेपी नीतीश पर उस तरह से हमले नहीं कर रही है जिस तरह से वह आरजेडी नेताओं पर कर रही है।
बहरहाल, विपक्षी गठबंधन इंडिया में पीएम उम्मीदवार को लेकर कई बार असहज स्थिति पैदा हुई है। जब नीतीश कुमार विपक्षी इंडिया गठबंधन के लिए नेताओं से मिल रहे थे और सबको एकजुट करने में लगे थे तब भी ऐसी स्थिति आई थी। लेकिन नीतीश बार-बार दोहराते रहे कि वह पीएम उम्मीदवार नहीं हैं।
गठबंधन बनने के बाद मुंबई में 'इंडिया' की बैठक से पहले भी पीएम उम्मीदवार को लेकर अजीब स्थिति तब बन गई थी जब आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कह दिया था कि वह चाहती हैं कि अरविंद केजरीवाल पीएम पद के उम्मीदवार हों। इसके बाद इस पर सियासत गर्मा गई थी।
'इंडिया' गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने समय-समय पर यह साफ़ किया है कि अभी भावी पीएम के नाम पर विचार करने की ज़रूरत नहीं है।
भले ही अलग-अलग दलों के कुछ नेता अपनी पार्टी के नेताओं के नाम की पैरवी करते रहे हैं, लेकिन गठबंधन के सभी दलों के शीर्ष नेता खुद के पीएम उम्मीदवार होने की बात को खारिज करते रहे हैं। चाहे वह नीतीश कुमार हों या फिर राहुल गांधी, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार जैसे नेता।
विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ने मुंबई में बैठक के बाद कहा था कि जहाँ तक संभव हो वे मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। इस मामले में गठबंधन की ओर से प्रस्ताव जारी किया गया। इसने संकल्प में कहा है, "हम, 'इंडिया' के दल, विभिन्न भाषाओं में 'जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया' थीम के साथ अपनी संबंधित संचार एवं मीडिया रणनीतियों और अभियानों का समन्वय करने का संकल्प लेते हैं।"
मुंबई बैठक से पहले हुई बेंगलुरु बैठक से नीतीश कुमार के नाराज़ होने के कयास लगाए जाने लगे थे। विपक्षी दलों की बेंगलुरु में बैठक के बाद हुई कॉन्फ्रेंस से नीतीश कुमार के ग़ायब रहने और गठबंधन के नाम से कथित तौर पर असहमति जताने के बाद बीजेपी नेताओं ने उनकी नाराज़गी के कयास लगाए थे।
जेडीयू ने नीतीश कुमार के विपक्षी दलों की बैठक से नाराज़ लौटने के बीजेपी नेताओं के दावों को खारिज कर दिया था। इसने कहा था कि गठबंधन को लेकर कोई असंतोष नहीं है। जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने नीतीश कुमार के असंतोष की अटकलों को खारिज करते हुए कहा था, 'नीतीश कुमार वह व्यक्ति हैं जो विपक्ष को एक साथ लाए हैं और जो व्यक्ति सभी को एक साथ लाया है वह कभी नाराज नहीं हो सकता है।'
बहरहाल, नीतीश की नाराज़गी की बात को तो ख़ारिज कर दिया गया, लेकिन समय-समय पर उनके पीएम उम्मीदवार के तौर पर नाम आते रहे। अब आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने नीतीश का नाम आगे बढ़ाया है। वह लालू यादव और तेजस्वी के क़रीबी हैं। इसी को लेकर राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि आरजेडी ने यह बयान इसलिए दिया है ताकि नीतीश केंद्र में चले जाएँ और बिहार में कुर्सी तेजस्वी को सौंप दें। माना जाता है कि जब तक नीतीश बिहार में रहेंगे तब तक तेजस्वी को वो कुर्सी नहीं मिल पाएगी। कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों का यह भी मानना है कि भाई वीरेंद्र का बयान आरजेडी के मनोज झा की कविता से उपजे विवाद से ध्यान भटकाने के लिए दिया गया है। अब इसके पीछे वजह कुछ भी हो, लेकिन नीतीश कुमार का नाम तो एकबार फिर से पीएम पद के लिए उछल ही गया है।
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें