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राजभर ने योगी पर लगाया हत्या कराने का आरोप, बयान से दहली बीजेपी, पूर्वांचल पर पड़ेगा असर

पूर्वी उत्तर प्रदेश के बड़े ओबीसी नेता ओमप्रकाश राजभर का आरोप है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी हत्या कराना चाहते हैं। राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष हैं। यह पार्टी समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर मैदान में उतरी है। ओमप्रकाश राजभर और उनका बेटा अरविंद राजभर कल वाराणसी में नामांकन दाखिल करने गए थे। लेकिन वहां वकीलों ने दोनों का जबरदस्त विरोध किया। हालांकि बीजेपी ने राजभर के तमाम आरोपों को गलत बताया है। लेकिन पार्टी के सूत्रों का कहना है कि वो इस आरोप से दहल गई है, क्योंकि इसका असर पूर्वांचल के मतदाताओं पर पड़ सकता है।

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मौके पर मौजूद पत्रकारों के मुताबिक जैसे ही दोनों पिता-पुत्र वाराणसी के शिवपुर में नामांकन दाखिल करने पहुंचे, तो वहां मौजूद बहुत सारे वकीलों ने “जय श्रीराम” के नारे लगाए। हालांकि किसी भी कोर्ट में इस तरह के नारों और जमा होने पर पाबंदी है।

ओमप्रकाश राजभर और उनके बेटे ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कल की पूरी घटना बयान की। उन्होंने कहा कि योगी जी और बीजेपी मेरी (ओमप्रकाश राजभर) हत्या कराना चाहते हैं। उन्होंने कल वाराणसी में काला कोट पहनाकर कुछ गुंडों को इसीलिए भेजा था। वहां उन लोगों ने हमें गालियां भी दीं। जवाब में हमारे समर्थकों ने जय अखिलेश के नारे लगाए। नामांकन दाखिल करने के बाद राजभर ने जिला निर्वाचन अधिकारी से सुरक्षा देने की मांग की। राजभर ने बताया - 

जब हम लोग शिवपुर विधानसभा क्षेत्र से सपा-एसबीएसपी गठबंधन के उम्मीदवार अरविंद का नामांकन कराने पहुंचे, तो वहां बीजेपी के कुछ गुंडे काले कोट में पहले से ही मौजूद थे। उन्होंने मुझे और अरविंद को गालियां दीं।


-ओमप्रकाश राजभर, अध्यक्ष सुहेलदेव पार्टी, बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस

उन्होंने कहा कि वो सारे लोग खुले आम हम दोनों को जान से मारने की धमकियां दे रहे थे। राजभर का कहना है कि ऐसा उन लोगों ने जनता का ध्यान बंटाने के लिए किया। क्योंकि जनता महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली आदि मुद्दों पर सपा गठबंधन को वोट देकर बीजेपी को हर गांव से भगा रही है। मैं चुनाव आयोग से ऐसे गुंडों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करता हूं। यूपी में तीसरे चरण का चुनाव 20 फरवरी को है। तीसरा चरण 23 फरवरी को है। इसके बाद पूर्वांचल का चुनाव जोर पकड़ेगा, लेकिन इस घटनाक्रम से पूर्वांचल का सीन बदल सकता है। पूर्वांचल में ओमप्रकाश राजभर कई विधानसभा सीटों पर प्रभाव रखते हैं। राजभर के आरोपों से उनके समर्थकों का बेचैन होना स्वाभाविक है।
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ओमप्रकाश राजभर वो पहले नेता हैं, जिनकी पार्टी से अखिलेश यादव ने गठबंधन किया। बीच में दोनों के मनमुटाव की खबरें मीडिया के एक वर्ग में आईं। जिनमें यह तक कहा गया कि गठबंधन टूट सकता है। लेकिन ताजा घटनाक्रम बता रहा है कि सारी सूचनाएं भ्रामक थीं। अखिलेश यादव की पार्टी के साथ उनका गठबंधन बना हुआ है। उनके समर्थकों ने कल वाराणसी में राजभर से ज्यादा अखिलेश यादव के समर्थन में नारे लगाए। बहरहाल, बीजेपी ने राजभर के आरोपों को खारिज कर दिया है। यूपी बीजेपी का कहना है कि उनका बयान चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश है। लेकिन जनता सच्चाई जानती है कि राजभर जैसे लोग उनका नहीं, सिर्फ अपना और परिवार का भला करने राजनीति में उतरे हैं। राजभर ने ऐसा अनर्गल आरोप लगाकर बता दिया है कि वो और उनका गठबंधन बीजेपी से कितना परेशान हैं। हालांकि पार्टी के सूत्रों का कहना है कि वो राजभर के आरोपों से दहल गई है। पूर्वांचल में तमाम सीटों पर इस बयान का असर पड़ सकता है। क्योंकि वहां ओमप्रकाश राजभर का प्रभाव क्षेत्र है। पार्टी अब इस बयान की काट तलाश रही है। बहुत मुमकिन है कि वो राजभर समुदाय के किसी नेता से इस संबंध में बयान वगैरह दिलवाए। केशव देव मौर्य को अब पूर्वांचल में ही डैमेज कंट्रोल के लिए तैनात किया जा सकता है।

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क़मर वहीद नक़वी
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