पायलट ने सफाई क्यों नहीं दी
सचिन पायलट ने आज गहलोत पर सीधा हमला तो किया लेकिन इस पर टिप्पणी नहीं कि क्या 2020 में बीजेपी ने उनके समर्थक विधायकों को पैसे का कथित ऑफर या कथित तौर पर पैसा दिया था। क्योंकि पैसे के आरोप पहले भी लगे थे। कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी के चाणक्य पर राजस्थान कांग्रेस में विद्रोह कराने के आरोप लगाए थे। कुछ विधायकों के ऑडियो टेप भी सामने आए थे, जिनमें कथित तौर पर पैसे के लेन-देन पर बात की गई थी। पायलट को कायदे से आज खंडन करना चाहिए था या फिर स्पष्ट शब्दों में कहना चाहिए था कि गहलोत झूठ बोल रहे हैं। सचिन पायलट रिश्वत वाली बात को तवज्जो न देकर यह कहना चाहते हैं कि आरोपों में दम नहीं है। लेकिन आरोपों पर सफाई तो देना ही पड़ेगी। अगर आपने सचिन पायलट के प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बात नहीं सुनी, तो नीचे वीडियो में सुनिए-सीएम के भाषण को धौलपुर में सुनने के बाद ये लगा की गहलोत की नेता सोनिया गांधी नही वसुंधरा राजे सिंधिया हैं- सचिन पायलट @SachinPilot pic.twitter.com/hlSUvm0ErV
— sushant (journalist) (@pareek12sushant) May 9, 2023
क्या कहा था गहलोत ने
गहलोत ने कहा था - अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र शेखावत इन्होंने मिलकर षडयंत्र किया और राजस्थान के अंदर पैसे बांट दिए। मैंने हमारे विधायकों को कहा कि जो पैसा आपने लिया है अगर उसमें से कुछ खर्च भी हो गया हो तो हमें बताओ मैं उसे वापस करवाऊंगा, एआईसीसी से कहूंगा लेकिन आप भाजपा का पैसा मत लो। उनका पैसा रखोगे तो वे बाद में डरांएगे, धमकांएगे... 25 विधायक को ले गए। अमित शाह बहुत खतरनाक खेल खेलते हैं, उनका पैसा वापस दो आप।वे अब पैसे वापस नहीं ले रहे हैं। मुझे हैरानी है कि वे उनसे (पायलट समर्थक कांग्रेस विधायक) पैसे वापस क्यों नहीं मांग रहे हैं। उन्हें (बागी विधायक) पैसा लौटा देना चाहिए, ताकि वे बिना किसी दबाव के अपना कर्तव्य निभा सकें। मैंने विधायकों से यहां तक कहा है कि उन्होंने जो भी पैसा लिया है, 10 करोड़ रुपये या 20 करोड़ रुपये, अगर आपने कुछ भी खर्च किया है, तो मैं वह हिस्सा दे दूंगा या एआईसीसी से दिलवा दूंगा। .गहलोत के बयान पर वसुंधरा राजे और सचिन पायलट की प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी। वसुंधरा राजे ने तो उसी दिन यानी रविवार रात को ही प्रतिक्रिया दे दी थी लेकिन पायलट साहब ने प्रतिक्रिया देने में तीन दिन लगाए और कर्नाटक में मतदान की पूर्व संध्या का इंतजार किया। हालांकि इसका कितना असर कर्नाटक के मतदाताओं पर पड़ेगा, कहा नहीं जा सकता। लेकिन अगर 1000 मतदाताओं पर भी पड़ा तो वो कांग्रेस का ही नुकसान है। राजस्थान में तो खैर असर पड़ना ही है। यह नहीं भूलना चाहिए कि सचिन पायलट कांग्रेस की राजनीति के अलावा गुर्जर राजनीति में अच्छे खासे सक्रिय हैं और राजस्थान के गूर्जर उन्हें अपना नेता मानते हैं।
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