भारतीय ज़मीन पर कथित चीनी क़ब्ज़े पर अब तक झूठ बोलने का आरोप लगाते रहे राहुल गाँधी ने अब ऐसे लोगों को राष्ट्र-विरोधी बताया है। राहुल गाँधी ने किसी का नाम नहीं लिया है लेकिन यह साफ़ तौर पर कहा है कि चीनियों ने भारतीय भूमि पर क़ब्ज़ा कर लिया है और इस सच्चाई को छिपाना व उन्हें इसे लेने की अनुमति देना राष्ट्र-विरोधी है। उन्होंने कहा, ‘मेरे ख्याल में जो लोग झूठ बोल रहे हैं और कह रहे हैं कि चीनी भारत में नहीं घुसे हैं वो ऐसे लोग हैं जो देशभक्त नहीं हैं।’ तो सवाल है कि आख़िर राहुल गाँधी चीन के मसले पर किसे झूठा कहते रहे हैं?
The Chinese have occupied Indian land.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 27, 2020
Hiding the truth and allowing them to take it is anti-national.
Bringing it to people’s attention is patriotic. pic.twitter.com/H37UZaFk1x
इसी 'एंटी-नेशनल' के हथियार से बीजेपी के नेता लंबे समय से कांग्रेस पर हमला करते रहे हैं और इसे राष्ट्र-विरोधी बताते रहे हैं। हाल ही में अप्रैल महीने में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से उत्तर प्रदेश के पार्टी नेताओं की बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि कांग्रेस पार्टी का 'एंटी-नेशनल नज़रिया' है। जब तब बीजेपी के नेता तो कांग्रेस के नेताओं को राष्ट्र-विरोधी क़रार देते ही रहे हैं। जवाब में कांग्रेस के नेता भी बीजेपी नेताओं पर राष्ट्र-विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन अब इसको राहुल गाँधी ने लपका है और चीन मुद्दे पर इशारों में बीजेपी के बड़े नेताओं पर निशाना साधा है।
इस वीडियो में राहुल गाँधी राष्ट्र-विरोधी का आरोप तार्किक रूप से लगाने की कोशिश करते हैं। वह वीडियो में कहते हैं कि यह बिल्कुल साफ़ हो गया है कि चीनी हमारे इलाक़े में घुस गए हैं। वह कहते हैं, ‘यह बात मुझे परेशान करती है। इससे मेरा ख़ून खौलने लगता है। कैसे एक दूसरा देश हमारे इलाक़े में घुस आया? अब एक राजनीतिज्ञ के तौर पर चाहते हैं कि मैं चुप रहूँ और अपने लोगों से झूठ बोलूँ। जबकि मैं निश्चित रूप से जान गया हूँ, मैंने उपग्रह की तसवीरें देखी हैं, मैंने पूर्व सैन्यकर्मियों से बात की है। अगर आप चाहते हैं कि मैं झूठ बोलूँ कि चीनी इस देश में नहीं घुसे हैं, मैं झूठ नहीं बोलने वाला। साफ़ कर दूँ कि मैं ऐसा नहीं करने वाला।’
कांग्रेस नेता राहुल भले ही ख़ुद की बात करते हुए कहते हैं कि वह झूठ नहीं बोल सकते हैं, लेकिन उनका इशारा कहीं और है। क्योंकि इससे पहले राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा था कि ‘वह चीन के मुद्दे पर अभी भी झूठ बोल रहे हैं और देश को धोखा दे रहे हैं।’
दरअसल, राहुल का यह आरोप लद्दाख में चीनी घुसपैठ को लेकर है। वही लद्दाख जहाँ 15 जून की ख़ूनी झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए और उसके बाद से चीन के साथ तनाव है। हालाँकि मोदी सरकार ताज़ा चीन विवाद शुरू होने के बाद से ही कहती रही है कि भारत की ज़मीन पर किसी ने क़ब्ज़ा नहीं किया है। तब हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था, 'लद्दाख में भारत की सीमा में न तो कोई घुसा हुआ है और न ही हमारी कोई चौकी किसी दूसरे के क़ब्ज़े में है।'
हालाँकि कई दौर की वार्ता के बाद चीन और भारत दोनों देशों की सेनाएँ पीछे हटी हैं, लेकिन कई मीडियो रिपोर्टों और सैटेलाइट इमेज में यह खुलासा हुआ है कि चीन अभी भी भारतीय ज़मीन पर बना हुआ है। इसी बात को लेकर राहुल गाँधी लगातार हमलावर रहे हैं। यह दावा करते हुए कि चीनी भारत की सीमा में घुस गए हैं आज भी राहुल ने कहा, ‘मैं निश्चित रूप से जान गया हूँ, मैंने उपग्रह की तसवीरें देखी हैं, मैंने पूर्व सैन्यकर्मियों से बात की है।’
कांग्रेस नेता राहुल कहते हैं कि चीनी घुसपैठ का यह मुद्दा उठाते हुए भले ही उनका भविष्य डूब जाए, राजनीतिक जीवन ख़त्म हो जाए, वह इस मुद्दे को उठाते रहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘मुझे फ़िक्र नहीं चाहे मेरा पूरा भविष्य डूब जाए। लेकिन मैं झूठ नहीं बोल सकता। मैं सोचता हूँ, वो लोग जो चीनियों के हमारे देश में घुसने के बारे में झूठ बोल रहे हैं वही लोग राष्ट्रवादी नहीं हैं। ...इसलिए स्पष्ट कर कहूँ तो मैं चिंता नहीं करता यदि इसकी राजनीतिक क़ीमत भी चुकानी पड़े। मैं चिंता नहीं करता चाहे मेरा राजनीतिक जीवन पूरी तरह ख़त्म हो जाए। पर जहाँ तक भारतीय क्षेत्र का संबंध है मैं केवल सच बोलूँगा।’
बता दें कि चीनी घुसपैठ को लेकर इससे पहले जारी एक वीडियो में राहुल ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस '56 इंच का सीना' की छवि को गढ़ा है उसी छवि से चीन भारत को मात दे रहा है। वीडियो में विश्लेषण करके उन्होंने समझाया था कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी की इस छवि को आधार बनाकर चीन भारत की ज़मीन पर क़ब्ज़ा किए बैठा है। राहुल गाँधी ने वीडियो को ट्वीट किया और उसके साथ लिखा था, 'पीएम ने सत्ता में आने के लिए एक नकली मज़बूत छवि गढ़ी। यह उनकी सबसे बड़ी ताक़त थी। यह अब भारत की सबसे बड़ी कमज़ोरी है।'
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