किसानों को रौंद दिए जाने की लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर कांग्रेस नेता बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने राष्ट्रपति को पत्र सौंपा।
इसमें मांग की गई है कि लखीमपुर खीरी की घटना में मारे गए किसानों को इंसाफ़ दिलाया जाए। पत्र में कहा गया है कि इसके लिए स्वतंत्र न्यायिक जांच की ज़रूरत है। साथ ही केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को भी बर्खास्त करने की मांग की गई है।
इस घटना को लेकर कांग्रेस जबरदस्त ढंग से मुखर है।
राष्ट्रपति से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि पीड़ित परिवार इंसाफ़ चाहते हैं। राहुल ने कहा कि जब तक अजय मिश्रा टेनी अपने पद पर हैं तब तक पीड़ित परिवारों को इंसाफ़ नहीं मिल सकता।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जनता की आवाज़ सुने।
प्रियंका गांधी इस मामले को पूरी ताक़त के साथ उठा चुकी हैं। राहुल और प्रियंका लखीमपुर जाकर पीड़ित परिवारों के साथ मुलाक़ात भी कर चुके हैं।
कांग्रेस के अलावा किसानों ने भी पूरी मजबूती के साथ इस मामले में बीजेपी पर हमला बोल दिया है। बीजेपी को डर है कि इससे उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उसे बड़ा राजनीतिक नुक़सान हो सकता है।
अंतिम अरदास में जुटे लोग
लखीमपुर खीरी की घटना में मारे गए किसानों की अंतिम अरदास में भी बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग और किसान जुटे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी अंतिम अरदास में पहुंची थीं। इस घटना के बाद से ही किसानों में जबरदस्त नाराज़गी है। मुज़फ्फरनगर की महापंचायत में किसान पहले ही बीजेपी को हराने का एलान कर चुके हैं।
मिश्रा पर फ़ैसला लेगी पार्टी?
अजय मिश्रा मोदी कैबिनेट में रहेंगे या नहीं, पार्टी इस बारे में जल्द ही कोई फ़ैसला कर सकती है क्योंकि विपक्ष और किसानों के हमले से बीजेपी पर राजनीतिक दबाव बढ़ गया है। अजय मिश्रा के मुद्दे पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ दिल्ली में उत्तर प्रदेश बीजेपी के नेताओं की बैठक भी हो चुकी है।
अगर पुलिस की जांच में यह बात साबित हो गयी कि किसानों को कुचलने वाली गाड़ियों में अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा मोनू मौजूद था तो फिर पार्टी का सत्ता में लौटना लगभग नामुमकिन हो जाएगा।
वरूण गांधी ने किया असहज
विपक्ष और किसानों के अलावा लखीमपुर खीरी के नजदीकी क्षेत्र पीलीभीत के बीजेपी सांसद वरूण गांधी भी लगातार किसानों को कुचल डालने की इस घटना को लेकर आवाज़ उठा रहे हैं। इससे निश्चित रूप से पार्टी के भीतर बेचैनी का माहौल है।
महाराष्ट्र में इस मुद्दे पर बंद बुलाया जा चुका है। साफ दिखता है कि पांच राज्यों के चुनाव से पहले लखीमपुर की घटना बीजेपी के गले पड़ गयी है।
कुछ दिन पहले युवक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया था और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की थी।
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