लोकसभा सचिवालय ने आज
नोटिस जारी करके राहुल गांधी की संसद सदस्यता को खत्म कर दिया। सदस्यता खत्म होने
के बाद राहुल गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 'मैं भारत की आवाज के
लिए लड़ रहा हूं, मैं हर कीमत
चुकाने को तैयार हूं'।
राहुल गांधी की सदस्यता
रद्द होने के बाद उसकी संसदीय सीट वायनाड को खाली घोषित कर दिया गया है। सीट खाली
घोषित होने के बाद चुनाव आयोग उस पर कभी उप चुनाव कराने की घोषणा करता है। उप
चुनाव की जरूरत इसलिए है कि वर्तमान लोकसभा के कार्यकाल में एक साल का समय बचा हुआ
है। किसी भी सीट पर उपचुनाव तभी कराया जाता है जब संसद या विधानसभा का कार्यकाल छह
महीने से ज्यादा का बचा हुआ हो।
गुरुवार को सूरत की एक अदालत ने मानहानि के चार साल पुराने एक मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। शुक्रवार की दोपहर को लोकसभा सचिवालय ने राहुल की सदस्यता रद्द करने करने का नोटिस जारी कर दिया। लोकसभा अगर राहुल गांधी को ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिलती है तो वह अगले आठ सालों तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
राहुल की सदस्यता खत्म
किए जाने पर पूरे विपक्ष ने सरकार की आलोचना की है। और इसे विपक्ष की आवाज दबाने
वाला कृत्य बताया है। टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने भी कहा है कि देश में
लोकतंत्र अपने निचले स्तर पर चला गया है। एक दिन पहले ही चौंकाने वाले अंदाज में
अरविंद केजरीवाल ने भी राहुल को दोषी ठहराए जाने पर समर्थन किया था। आप ने पूछा है
कि क्या मोदी जी अकेले चुनाव लड़ना चाहते हैं। आरजेडी के नेता ने कहा है कि 'लोकतंत्र
घोषित रूप से ख़त्म है'। एक नेता ने कहा है कि लोकतंत्र के
लिए यह काला दिन है।
आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने राहुल गांधी की लोकसभा
सदस्यता को अयोग्य क़रार देने वाली अधिसूचना की एक कॉपी को साझा करते हुए कहा है
कि 'लोकतंत्र अब घोषित रूप से ख़त्म है'।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है, 'अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर और अपील प्रक्रिया में होने के दौरान इस कार्रवाई से और इसकी तेज़ी से मैं स्तब्ध हूं। यह दस्तानों से ओझल राजनीति है और यह हमारे लोकतंत्र के लिए अशुभ संकेत है।'
कांग्रेस की तरफ से इस
मसले पर सोमवार को पूरे देश भर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया है।
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