कृषि क़ानूनों के मसले पर ख़ासे मुखर राहुल गांधी ने मंगलवार को मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश की अर्थव्यवस्था को पूंजीपतियों को सौंपने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने कहा कि वह किसानों के आंदोलन का 100 फ़ीसदी समर्थन करते हैं और देश के हर नागरिक को उनका समर्थन करना चाहिए और इसके पीछे कारण यह है कि वे हमारे लिए लड़ रहे हैं न कि ख़ुद के लिए।
नड्डा को दिया जवाब
राहुल ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से पूछे गए सवालों को लेकर बेहद आक्रामक अंदाज दिखाया। नड्डा ने कहा था, ‘राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं कि एपीएमसी मंडियां बंद हो जाएंगी। क्या उन्होंने इस बात का वादा कांग्रेस के घोषणा पत्र में नहीं किया था।’ नड्डा ने पूछा था कि कांग्रेस की सरकारों के दौरान दशकों तक किसान ग़रीब क्यों रहे। क्या उन्हें किसानों के साथ तभी सहानुभूति होती है, जब वे विपक्ष में होते हैं।’
इस पर राहुल गांधी ने कहा, ‘राहुल गांधी कौन है, क्या करता है, हिंदुस्तान का हर किसान जानता है। किसान जानता है कि भट्टा परसौल में नड्डा जी नहीं खड़े थे, मैंने तो उनको नहीं देखा। ज़मीन अधिग्रहण के वक़्त नड्डा जी, मोदी जी नहीं खड़े थे, राहुल गांधी खड़ा था। जब किसान की ज़मीन का मामला था, जब किसानों के कर्ज माफ़ करने की बात आई थी, वहां कांग्रेस खड़ी थी। नड्डा जी कहां थे, मुझे तो नहीं दिखे।’
राहुल ने कहा, ‘वह कौन हैं जो मैं उन्हें जवाब दूं। क्या वह मेरे प्रोफ़ेसर हैं। मैं देश को जवाब दूंगा।’
‘देश की रक्षा करना मेरा धर्म है’
केरल के वायनाड से सांसद राहुल ने कहा, ‘मैं न नरेंद्र मोदी से और न इन लोगों से डरता हूं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं साफ-सुथरा आदमी हूं, ये मुझे छू नहीं सकते। हां, गोली से मार सकते हैं, वो अलग बात है। मैं देशभक्त हूं। मैं अपने देश की रक्षा करता हूं और मैं करता जाऊंगा। मैं अकेला खड़ा हो जाऊंगा। ये मेरा धर्म है।’
राहुल ने कहा, ‘अगर आप पिछले 6-7 सालों को देखें तो हर इंडस्ट्री में उन्हीं 4-5 लोगों की मोनोपॉली बन रही है। पावर देखिए, टेलीकॉम देखिए, एयरपोर्ट्स देखिए, पोर्ट्स देखिए, मतलब इस देश के 4-5 नए मालिक हैं।’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘आज तक खेती में मोनोपॉली नहीं थी, आज तक हिंदुस्तान के खेतों का फ़ायदा किसानों को, मजदूरों को, मिडिल क्लास को और ग़रीबों को जाता था। एक पूरा ढांचा था, जो इन लोगों की रक्षा करता था। लेकिन इन तीन क़ानून खेती में आज़ादी से पहले की हालत करने जा रहे हैं।’
राहुल ने कहा, ‘4-5 लोगों के हाथ में मोदी जी खेती का पूरा ढांचा दे रहे हैं। इसीलिए किसान बाहर खड़े हैं। हमारे युवाओं और मध्य वर्ग को इस बात को समझना होगा कि किसान अपनी रक्षा नहीं कर रहे हैं, वे हमारी और हमारे भोजन की रक्षा कर रहे हैं।’
राजभवनों का किया था घेराव
किसानों के लगातार बढ़ते जा रहे आंदोलन से निपट पाने में परेशान मोदी सरकार को विपक्ष के हमलों का भी सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दलों में कांग्रेस ज़्यादा हमलावर है। राहुल गांधी इस मसले पर पंजाब में ट्रैक्टर यात्रा निकालने से लेकर लगातार ट्वीट कर सरकार पर दबाव बढ़ा रहे हैं।
15 जनवरी को कांग्रेस ने देश भर में राज्यपालों के आवास (राजभवन) का घेराव किया था। दिल्ली में इसकी अगुवाई राहुल गांधी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने की थी। कांग्रेस ने 15 जनवरी को किसान अधिकार दिवस के रूप में मनाया था।
राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार को ये क़ानून वापस लेने ही होंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कुछ दिन पहले कृषि क़ानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पार्टी नेताओं के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाक़ात कर उन्हें दो करोड़ हस्ताक्षर और एक ज्ञापन भी सौंपा था।
दूसरी ओर, किसानों के आंदोलन को 50 से ज़्यादा दिन हो चुके हैं। सिंघु, टिकरी, ग़ाज़ीपुर और हरियाणा-राजस्थान के शाहजहांपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान भयंकर सर्दी के बीच भी धरने पर बैठे हुए हैं।
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