राहुल गांधी ने दलबदलू नेताओं
और गौतम अडानी के नामों का उल्लेख करते हुए एक ट्वीट किया और लिखा कि सवाल अब भी
वही कि अडानी की कंपनियों में लगा बेनामी ₹20,000 करोड़ रुपये किसका है?" राहुल ने इसके साथ ही लिखा
कि ‘सच छुपाते हैं, इसलिए रोज गुमराह करते हैं’।
राहुल ने इस ट्वीट में एक ग्राफिक शेयर किया जिसमें कांग्रेस छोड़कर गये पांच नेताओं
के नाम हैं। इसमें गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, हिंमता बिस्वा सर्मा,
किरण कुमार रेड्डी,तथा अनिल एंटनी का नाम प्रमुख है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता
बिस्वा सरमा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि बोफोर्स घोटाले और नेशनल
हेराल्ड के मामले में उनसे सवाल न करना उनकी शालीनता थी। हिंमता केवल यही नंही रुके, उन्होंने राहुल से पूछा कि आपने ओत्तावियो क्वात्रोच्चि को भारतीय न्याय व्यवस्था के चंगुल से बचने की अनुमति कैसे दी। अब हम अदालत में मिलेंगे।
अडानी समूह पर हिंडनबर्ग
की रिपोर्ट के बाद से राहुल गांधी लगातार बीजेपी और गौतम अडानी पर हमलावर हैं। इसके
लिए उन्होंने संसद का सदस्य रहते हुए पूरे समय जेपीसी की मांग उठाई। हालांकि इसमें उन्हें दूसरे
विपक्षी दलों का भी साथ मिला।
लेकिन शुक्रवार को एनसीपी
के शरद पवार ने एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में अडानी समूह का बचाव भी किया। इस इंटरव्यू
में शरद पवार विपक्ष द्वारा लगातार उठाई गई जेपीसी की मांग को लेकर विपक्ष की आलोचना
की, और कहा कि इससे पूरा संसद सत्र बेकार हो गया।
मानहानी के एक मामले में संसद
की सदस्यता गंवा राहुल गांधी ने कहा था कि वे सांसद रहें या न रहें लेकिन अडानी
समूह में निवेश की गई 20 हजार करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति पर सवाल उठाते रहेंगे।
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