चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि वह भविष्य में कांग्रेस के साथ नहीं जुड़ेंगे। हफ्तों पहले कांग्रेस में क़रीब-क़रीब शामिल होने से रह गए प्रशांत किशोर ने आज हाथ जोड़कर घोषणा की कि वह कभी भी पार्टी के साथ नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, कांग्रेस नीचे जाएगी और सभी को अपने साथ ले जाएगी।
उन्होंने अपने गृह राज्य में एक वैकल्पिक सरकार पर जनता के विचार जानने के लिए जन सूरज अभियान के तहत बिहार के गांवों के अपने दौरे के दौरान यह घोषणा की। किशोर ने कहा, 'यह मेरी जीत के ट्रैक रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए जिम्मेदार पार्टी है। इसमें सुधार नहीं हो रहा है और यहाँ तक कि यह मुझे डुबो भी सकता है। इसलिए, मैं फिर कभी कांग्रेस के साथ काम नहीं करूंगा।'
उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जो नामित लोगों की सूची जारी की है उसको लेकर कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस के भीतर भी कई नेताओं ने सवाल उठाए हैं और राजनीतिक विश्लेषक भी उस सूची को लेकर कांग्रेस की भविष्य की राजनीति पर संदेह जता रहे हैं।
ये वही प्रशांत किशोर हैं जो अभी कुछ हफ्ते पहले कांग्रेस में शामिल होने के लिए कांग्रेस आलाकमान के सामने प्रजेंटेशन देते फिर रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मुलाकातों का दौर चल रहा था। माना जा रहा था कि प्रशांत किशोर का कांग्रेस में शामिल होना तय है। लेकिन आख़िरी क्षण में बात बनी नहीं। वह वार्ता विफल हो गई। कहा गया कि प्रशांत किशोर की शर्तें कांग्रेस मानने को तैयार नहीं थी इसलिए प्रशांत ने पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया।
इसके बाद प्रशांत किशोर और कांग्रेस दोनों तरफ़ से ऐसे दावे आए जिसमें वे दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते नज़र आए। एक रिपोर्ट में कांग्रेस सूत्रों के हवाले से कहा गया कि लगता है कि यह आठवीं बार था जब चुनावी रणनीतिकार ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए वार्ता की थी।
सूत्रों ने कहा था कि यह पीके थे जो कांग्रेस नेताओं तक पहुँचे और पार्टी को फिर से जीवित करने के रोडमैप पर अपनी प्रस्तुति देने के लिए एक बैठक की मांग की।
बहरहाल, प्रशांत किशोर ने अब कहा है, '2015 में हमने बिहार जीता। 2017 में हमने पंजाब जीता। 2019 में जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश में जीते। हम तमिलनाडु और बंगाल में जीते। 11 वर्षों में हम केवल एक चुनाव हार गए... 2017 उत्तर प्रदेश चुनाव। इसलिए मैंने फ़ैसला किया कि मैं कांग्रेस के साथ कभी काम नहीं करूंगा।'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो कभी भी चीजें दुरुस्त नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा, 'और मौजूदा कांग्रेसी नेता ऐसे हैं कि वे नीचे जाएंगे और सभी को अपने साथ ले जाएंगे। अगर मैं जाऊंगा, तो मैं भी डूब जाऊंगा।'
इससे पहले प्रशांत किशोर ने राजस्थान के उदयपुर में हाल ही में कांग्रेस के चिंतन शिविर को विफल घोषित किया था और इस साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनावों में पार्टी के लिए हार की भविष्यवाणी की है।
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