loader

'बेनतीजा रहा चिंतन शिविर, गुजरात-हिमाचल में बड़ी हार सामने'

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर कांग्रेस को निशाने पर लिया है। प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा है कि उदयपुर में हुआ कांग्रेस का चिंतन शिविर बेनतीजा रहा है। 

बता दें कि प्रशांत किशोर की बीते दिनों कांग्रेस नेतृत्व के साथ कई दौर की बैठक हुई थी और उनके कांग्रेस में शामिल होने की जोरदार अटकलें लगाई जा रही थी। लेकिन प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच बात नहीं बन सकी थी।

कांग्रेस, बीजेपी व कई क्षेत्रीय दलों के लिए चुनाव रणनीति बना चुके प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा है कि उनसे बार-बार उदयपुर में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर के बारे में अपनी राय देने की मांग की जा रही थी। 

ताज़ा ख़बरें

चुनाव रणनीतिकार ने कहा है कि उनके विचार में यह चिंतन शिविर कांग्रेस में जो हालात अभी हैं उसे लंबा खींचने और कांग्रेस नेतृत्व को कुछ और समय देने के अलावा कुछ भी सार्थक हासिल करने में फेल रहा और कम से कम गुजरात और हिमाचल प्रदेश में दिख रही भयंकर हार तक ऐसा हुआ है। 

चुनावी हार

गुजरात और हिमाचल में कुछ महीने के बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं और हाल में हुए पांच चुनावी राज्यों में कांग्रेस की जिस तरह करारी हार हुई है उससे पार्टी के मनोबल पर बेहद खराब असर पड़ा है।

Prashant Kishor on congress Chintan Shivir - Satya Hindi

चुनावी हार के बाद कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए ही कांग्रेस की ओर से उदयपुर में चिंतन शिविर लगाया गया था लेकिन प्रशांत किशोर के मुताबिक यह चिंतन शिविर व्यर्थ गया है।

प्रशांत किशोर इससे पहले भी कांग्रेस को लेकर तमाम तरह की टिप्पणियां करते रहे हैं। प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में सक्रिय हैं और इसके साथ ही वह तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के लिए भी चुनावी रणनीति बना रहे हैं। 

राजनीति से और खबरें

बिहार में चुनावी तैयारी 

प्रशांत किशोर ने कुछ दिन पहले एलान किया था कि वह बिहार में 3000 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे और इस दौरान बिहार के गांवों, शहरों और घरों तक पहुंचेंगे। उन्होंने कहा था कि वह अभी किसी भी राजनीतिक दल का गठन नहीं करेंगे।

यह माना जा रहा है कि 3000 किलोमीटर की लंबी पदयात्रा के जरिए प्रशांत किशोर बिहार में अपने लिए राजनीतिक आधार तैयार कर रहे हैं और राज्य में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपने राजनीतिक दल का गठन कर मैदान में उतर सकते हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें