कांग्रेस के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव करो या मरो की स्थिति है। लगातार चुनावी हार और कई नेताओं के धड़ाधड़ पार्टी छोड़ने के कारण पार्टी बुरी तरह पस्त हो चुकी है। ऐसे में बुनियादी मुद्दों को उठाकर और भारत जोड़ो यात्रा के जरिए कांग्रेस जिंदा हो पाएगी?
बिहार के बाद अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर ही ऐसे दो राज्य हैं जहां पर जेडीयू का राजनीतिक आधार है लेकिन बीजेपी ने इन दोनों राज्यों में उसके विधायकों में बड़े पैमाने पर सेंधमारी कर उसे जबरदस्त झटका दिया है।
क्या बिहार से विपक्षी एकता की शुरुआत होगी? जानिए, नीतीश कुमार, लालू यादव और तेजस्वी यादव से मुलाक़ात के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने क्या कहा।
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए जिस तरह G-23 गुट के नेता लगातार एक के बाद एक बयान जारी कर रहे हैं उससे निश्चित रूप से कांग्रेस नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
कांग्रेस के बड़े नेता गुलाम नबी आजाद लंबे वक्त से G-23 गुट के जरिये पार्टी नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी जता रहे थे और अब आखिरकार उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया।
गुलाम नबी आज़ाद और आनंद शर्मा जैसे वरिष्ठ नेताओं के अहम पद छोड़ने के बाद अब कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने पद क्यों छोड़ा? जानिए उन्होंने क्या कारण बताए हैं।
हाल ही में कांग्रेस में महत्वपूर्ण पद छोड़ने वाले आनंद शर्मा ने कहा है कि नेहरू-गांधी परिवार कांग्रेस की जरूरत है। पार्टी में कोई गुट न हो। पार्टी की मजबूती के लिए यह जरूरी है।