बीजेपी को उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा और खतौली विधानसभा, ओडिशा की पदमपुर, राजस्थान की सरदारशहर और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर सीट पर उपचुनाव में हार मिली है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने जमीनी और स्थानीय मुद्दों को उठाते हुए चुनाव जरूर लड़ा लेकिन इसके साथ ही जीत में पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का भी अहम रोल रहा। राहुल गांधी की गैर मौजूदगी में प्रियंका ने ही चुनाव प्रचार की कमान संभाली।
मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव ने बीजेपी के उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य को 2,40,322 मतों के अंतर से हरा दिया। यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई थी। जानिए, बाकी सीटों के क्या नतीजे रहे।
उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट के साथ ही रामपुर सदर और खतौली विधानसभा सीट, ओडिशा की पदमपुर, राजस्थान की सरदारशहर, बिहार की कुढ़नी और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर सीट पर भी नतीजे आ गए।
क्या कांग्रेस ने अब लोगों से जुड़ने के लिए लगातार अभियान करते रहने की ठान ली है? भारत जोड़ो यात्रा अभी ख़त्म भी नहीं हुई है और एक और अभियान शुरू करने की तैयारी के मायने क्या हैं?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या पार्टी में बड़े बदलाव शुरू कर दिए हैं? कांग्रेस का 3 दिवसीय अधिवेशन अगले साल फरवरी में होने से पहले क्या राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में बदलाव एक शुरुआत है?
2023 में कई राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव की वजह से आने वाला डेढ़ साल बेहद अहम है। बीजेपी किस रणनीति के साथ आगे बढ़ेगी और विपक्ष उसे कैसे घेरेगा?
मैनपुरी लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य और समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव आमने-सामने हैं। सपा ने मतदान में गड़बड़ियों की ढेरों शिकायतें की हैं।
मैनपुरी लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य और समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव आमने-सामने हैं। आइए, अन्य सीटों के बारे में भी जानते हैं।
क्या राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के जरिये कांग्रेस में जान फूंकने में कामयाब हुए हैं और क्या बीजेपी इससे चिंतित है? क्या इससे कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में फायदा होगा?
7 दिसंबर से संसद का शीत सत्र शुरू होने वाला है और ऐसे में कांग्रेस को इसे लेकर जल्द फैसला करना होगा कि क्या वह किसी और सांसद को राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनाएगी या फिर मल्लिकार्जुन खड़गे को ही इस पद पर बनाए रखेगी।
भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान से निकलने के बाद भी क्या पायलट और गहलोत खेमे एकजुट रहेंगे और वह पहले की तरह एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी नहीं करेंगे, इसे लेकर कोई गारंटी कांग्रेस नेतृत्व नहीं दे सकता। कांग्रेस नेतृत्व आखिर बागी और अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई क्यों नहीं करता।
मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि यह बयान मल्लिकार्जुन खड़गे का नहीं है बल्कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी का है और गुजरात के विधानसभा चुनाव में जनता इसका जवाब देगी।
कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पदयात्रा कर रहे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों मध्य प्रदेश के इंदौर में है। जानिए, राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में क्या कहा?