एनडीपीपी का गठन 2017 में ही किया गया था जिसने एक साल के भीतर बीजेपी के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली थी। लेकिन इस बार क्या होगा? जानिए एग्ज़िट पोल क्या संकेत देते हैं।
पूर्वोत्तर के दो महत्वपूर्ण राज्यों नागालैंड और मेघालय में आज सोमवार को वोट डाले जा रहे हैं। इन दोनों राज्यों के नतीजे 2 मार्च को त्रिपुरा के नतीजों के साथ आएंगे।
राहुल गांधी की कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर तक 'भारत जोड़ो यात्रा' के ख़त्म होने के बाद क्या जल्द ही दूसरा ऐसा अभियान शुरू होगा? जानिए, कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में क्या कहा गया।
कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन के तीसरे दिन राहुल गांधी ने फिर से प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी-आरएसएस पर हमला बोला। जानिए उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा का ज़िक्र कर क्या कहा।
पूर्वोत्तर के दो महत्वपूर्ण राज्यों नागालैंड और मेघालय में कल सोमवार 27 फरवरी को मतदान है। इनके नतीजे त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के साथ 2 मार्च को आएंगे। जानिए आखिर नागालैंड और मेघालय के चुनाव को बीजेपी और कांग्रेस इतनी गंभीरता से क्यों ले रहे हैं।
कांग्रेस ने विपक्षी एकता की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाने की पहल की है। कांग्रेस ने आज शनिवार को रायपुर में पार्टी के पूर्ण सम्मेलन के दूसरे दिन राजनीतिक प्रस्ताव में कहा कि कांग्रेस समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन को तैयार है। अगर कोई तीसरा मोर्चा बनता है तो उससे बीजेपी को मदद मिलेगी।
दिल्ली में एमसीडी का सत्ता संघर्ष बुधवार से शुरू हुआ था और आज शनिवार को भी जारी है। शनिवार को दोनों पक्षों की ओर से पुलिस में शिकायतें दी गई हैं। बीजेपी पर आरोप है कि उसने शनिवार को आप नेता आतिशी, दुर्गेश पाठक और मेयर शैली ओबरॉय को खलनायिका बताते हुए पोस्टर जारी किया।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के यहाँ हाल में पड़े ईडी के छापे के साये में पार्टी का पूर्ण अधिवेशन आख़िर कैसा होगा? इसमें कांग्रेस क्या फ़ैसले लेगी? जानें क्या हो रहा है रायपुर में।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री और कांग्रेस को लेकर क्यों आरोप लगाया कि यह देश के अंदर और बाहर की राजनीतिक ताक़ते हैं? जानिए उन्होंने क्या क्या कहा।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस को बहुत जरूरी मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जल्द से जल्द हमारे साथ आए, बीजेपी 2024 में 100 के नीचे आ जाएगी।
सोरोस की टिप्पणी और राष्ट्र पर हमले बताने की कोशिश देश की राजनीति में नई नहीं है। इससे पहले की भी सरकारें और नेता आंतरिक मसले से घिरे होने पर विदेशी साजिशों का आरोप लगाती रही हैं।
केंद्र सरकार की शर्तों पर बनी कोई जांच समिति शायद ही ईमानदारी से मुद्दे की जांज करे। जांच करने की बजाये यह जांच को भटका सकती है। इसका कारण अडाना और मोदी के निजि संबंध हैं। ऐसे में निस्पक्ष जांच की उम्मीद बेमानी है।
30 से अधिक चुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए इजरायली जासूसों की एक टीम द्वारा भारत सहित कई देशों में एक सॉफ्टवेयर जरिए फर्जी सोशल मीडिया अभियान चलाए गये।