विपक्षी एकता में आज एक बड़ी कामयाबी उस समय मिली जब 17 दल कांग्रेस के साथ न सिर्फ बैठे बल्कि काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन में भी शामिल हुए है। हालांकि काले कपड़े का निर्देश कांग्रेस सांसदों को था। लेकिन सबसे बड़ा घटनाक्रम ममता बनर्जी की टीएमसी के शामिल होने का है। अभी तक टीएमसी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो रही थी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल की राजनीति बहुत सीधी है। हम जीतेंगे तो लोकतंत्र ठीक है, हम हारेंगे तो लोकतंत्र खराब है। जो भी हमारे पक्ष में नहीं है वह सब खराब है।
राहुल गांधी की सदस्यता खत्म किये जाने के बाद भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रोहित खन्ना ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'राहुल गांधी को संसद से निष्कासित करना गांधीवादी दर्शन और भारत के गहरे मूल्यों के साथ गहरा विश्वासघात है’।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज शनिवार को अडानी के मामले में केंद्र सरकार पर फिर हमला बोला। उन्हें लड़ने का संकल्प दोहराया। राहुल ने संसद में और लंदन में कही गई बातों का जवाब दिया।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने खुलकर कहा है कि कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों को महत्व देना होगा। अखिलेश के बयान ने साफ कर दिया है कि अगर विपक्षी एकता चाहिए तो क्षेत्रीय दलों की भूमिका उसमें जरूर होगी और राष्ट्रीय दल उसे स्वीकार करे। फिलहाल, राहुल के मुद्दे पर सपा ने भी कांग्रेस को समर्थन दिया है।
देश के ताजा राजनीतिक परिदृश्य में विपक्षी एकता अब सबसे महत्वपूर्ण हो गई है। विपक्ष के बिना एक हुए, बीजेपी को हराया नहीं जा सकता लेकिन राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार शैलेश का कहना है कि विपक्षी एकता इतना आसान नहीं है। ऐसे में कांग्रेस के पास क्या विकल्प हैं। पढ़िए उनका नजरियाः
गुरुवार को सूरत की एक अदालत ने मानहानी के चार साल पुराने एक मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। शुक्रवार की दोपहर को लोकसभा सचिवालय ने राहुल की सदस्यता रद्द करने करने का नोटिस जारी कर दिया।
राहुल गांधी समेत इन तमाम नेताओं को जनप्रतिनिधित्व कानून के नियमों के आधार पर अयोग्य घोसित किया गया है। इस कानून के अनुसार किसी भी सदस्य को दो साल या उससे ज्यादा की जेल की की सजा सुनाई जाती है तो उसे सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता पर फैसला लेते हुए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी। इसके साथ ही राहुल वर्तमान लोकसभा के सदस्य नहीं हैं, वे अगला लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।
राहुल गांधी की लोकसभा से अयोग्यता पर तमाम विपक्षी दलों ने एकसुर में बीजेपी की तीखी आलोचना की है। जानिए उसने क्यों कहा कि 'लोकतंत्र अब घोषित रूप से ख़त्म हो गया...'?
मोहम्मद फैसल के मामले में भी लोअर कोर्ट के आदेश पर फैसला लेते हुए लोकसभा अध्य़क्ष ने उनकी सदस्यता तो रद्द कर दी लेकिन हाईकोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगाए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता पर कोई फैसला नहीं लिया।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर फैसला किया जाना है, वह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 (1) में सूचीबद्ध है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की इस धारा में कुछ विशिष्ट अपराधों को ही शामिल किया गया जिसके तहत किसी सदस्य की सदस्यता रद्द की जा सकती है।
मोदी सरनेम वाले बयान के लिए सजा सुनाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थन में आए हैं। जानिए उन्होंने क्यों कहा कि विपक्ष को ख़त्म करने की साज़िश हो रही है।