अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी जो बोल रही हैं वह प्रधानमंत्री के निर्देशों पर बोल रही हैं। पीएम और दीदी ने राहुल गांधी और कांग्रेस की छवि को बदनाम करने का सौदा किया है। ऐसा करके वह खुद को ईडी-सीबीआई छापों से बचाना चाहती हैं।
विपक्षी एकता को झटके लगना शुरू हो गए हैं। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उधर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कहा है कि सपा इस बार अमेठी और रायबरेली से लड़ेगी। दोनों गांधी परिवार की परंपरागत सीटें हैं। दोनों के बयान और घटनाक्रम विपक्षी एकता को लेकर कुछ और इशारा कर रहे हैं।
डॉ. मनमोहन सिंह जब भारत के प्रधानमंत्री थे और पूरी दुनिया में उनकी आर्थिक नीतियों का डंका बज रहा था, तो उस समय भी बीजेपी ने उन्हें टारगेट किया था। बहुत निचले स्तर के आरोप लगाए थे। अब उसी अंदाज में राहुल गांधी को भी बीजेपी टारगेट कर रही है। लेकिन राहुल गांधी को देशद्रोही साबित कर पाना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष से आगे बात करने और सदन की कार्यवाही शुरू करने की पेशकश की है। लेकिन उन्होंने नियम मानने की शर्त का भी उल्लेख किया है। अमित शाह की पेशकश का फोकस मुख्य रूप से कांग्रेस है। जानिए और क्या कहा अमित शाह नेः
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। इन सबकि चाहत पिछले नौ साल से सत्ता में मौजूद बीजेपी को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकना है। इसके लिए हर राजनीतिक दल अपने हिसाब से अपने गठबंधन के साथी चुन रहा है।
क्या 2024 के लिए विपक्षी एकता की कोई संभावना है? मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि दोनों दलों के बीच बैक-चैनल से बातचीत चल रही है? तो क्या इसका कुछ नतीजा निकल पाएगा?
राहुल गांधी की लंदन में की गई उनकी टिप्पणी पर बीजेपी द्वारा माफ़ी मांगने की मांग के बीच राहुल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जानिए उन्होंने बीजेपी पर क्या क्या आरोप लगाया।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल पीएम मोदी पर कुछ भी आरोप लगाते रहें. मोदी को इसकी परवाह नहीं है। उन्हें तो झोला उठाकर बस आगे बढ़ते रहना है। बीजेपी ने एक वीडियो के जरिए यही कहने की कोशिश की है। 2024 के आम चुनाव के मद्देनजर तैयार किए गए वीडियो में और क्या बताया गया है, यहां जानिएः
2024 के आम चुनाव में महज एक साल का समय बचा हुआ है। इसकी तैयारियां शुरु हो चुकी हैं। इन तैयारियों में सबसे अहम सवाल है कि नौ साल से सत्ता में काबिज बीजेपी को अगला चुनाव जीतने से कैसे रोका जाए, हर राजनीतिक दल इसी कवायद में लगा हुआ है।
बीजेपी लगातार राहुल पर हमले कर रही है, और उनसे माफी की मांग कर रही है। राहुल की टिप्पणी पर बीजेपी का कहना है कि उन्होंने देश के बाहर देश का अपमान किया है, लोकतंत्र का अपमान किया है।
कर्नाटक में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने माहौल चुनावी कर दिया है। उनका कहना है कि कर्नाटक सेमीफाइनल है। सत्ता का फाइनल खेलने के लिए कर्नाटक जीतना जरूरी है। पीएम मोदी को तीसरी बार पीएम बनाने के लिए कर्नाटक जीतना है। सरमा ने राहुल गांधी पर भी तीखा हमला किया।
अडानी मुद्दे पर कांग्रेस ने आज सोमवार 13 मार्च को देशभर में प्रदर्शन किए। इससे पहले इसी मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और बीआरएस ने सोमवार सुबह प्रदर्शन किया था।
2022 में अगस्त में गठबंधन
में साथ आने के समय नीतीश और जेडीयू ने इस गठबंधन को काफी मजबूत कहा था जो अटूट है।
नीतीश ने उस समय प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हम फिर से साथ आ रहे हैं तो सीबीआई
ईडी जैसी जांच एजेंसियां फिर से आंएगी लेकिन इससे गठबंधन पर फर्क नहीं पड़ेगा।
निशिकांत दुबे पर फर्जी डिग्री के आरोपों को लेकर महुआ मोइत्रा के आरोप नए नहीं हैं। उनके खिलाफ 2020 में झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर उनकी डिग्रियों की जांच की मांग की गई थी।