बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक आज मंगलवार 11 बजे से शुरू हो जाएगी। शरद पवार के अलावा लगभग सभी बड़े विपक्षी नेता बेंगलुरु में कल सोमवार को ही पहुंच गए थे। इस खबर पर ताजा अपडेट और घटनाक्रम के लिए बने रहें।
कांग्रेस के नेतृत्व में जब यूपीए बना था तो उस समय इसमें कम दल शामिल थे। लेकिन दलों की संख्या बढ़ने के साथ ही इसका नाम बदलने की जरूरत महसूस हो रही है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कल मंगलवार की बैठक में यूपीए नाम बदलना भी एजेंडे पर हो सकता है।
बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक वैसे तो कल यानी 18 जुलाई को है। लेकिन तमाम विपक्षी नेता आज 17 जुलाई से ही बेंगलुरु पहुंचने लगे हैं। इसकी खास वजह ये है कि आज रात को कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया ने विपक्षी नेताओं को डिनर पर बुलाया है। इसलिए अधिकांश नेता आज पहुंच रहे हैं। हालांकि इस दौरान तमाम अनौपचारिक बैठकों और मुलाकात से इनकार नहीं किया जा सकता है। जानिए बेंगलुरु में क्या हो रहा है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार विपक्षी दलों की बैठक में आज बेंगलुरु नहीं पहुंचेंगे लेकिन कल मंगलवार को वो बैठक में मौजूद रहेंगे। यह जानकारी उनकी पार्टी ने दी है।
भारतीय राजनीति में यह सप्ताह नया गुल खिलाने वाला है। एकजुट विपक्ष आज 17 जुलाई से बेंगलुरु में जमा हो रहा है और उसकी ताकत छोटी पार्टियां बन गई हैं। दूसरी तरफ बिखरे हुए एनडीए को भी छोटी पार्टियों की ताकत समझ आ गई है और उसने भी छोटे दलों को जमा करना शुरू कर दिया है। विपक्ष की बैठक का 18 जुलाई आखिरी दिन है तो उसी दिन एनडीए की बैठक है।
विपक्षी एकता की बैठक से एक दिन पहले यह कैसे तय हुआ कि आम आम आदमी पार्टी विपक्षी एकता में शामिल होगी? जानिए आप की बैठक से पहले कांग्रेस ने क्या बड़ा फ़ैसला लिया।
विपक्ष की अगली एकता बैठक बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को होगी। कांग्रेस की बुजुर्ग नेता सोनिया गांधी ने विपक्षी नेताओं को डिनर पर बुलाया है। इस बैठक में 24 पार्टियां हिस्सा ले सकती हैं।
एक दिन पहले बैठक में शक्ति प्रदर्शन करने वाले बागी भतीजे अजित पवार के आरोपों पर शरद पवार ने आज चुपी तोड़ी है। जानिए उन्होंने अपने भतीजे के आरोपों का क्या जवाब दिया।
महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में ये खबर जोर पकड़ने लगी है कि चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार ने ही ये पूरी बिसात रची है और उनकी इस बिसात में अजित पवार और बीजेपी के देवेंद्र फणनवीस फंस गये। पत्रकार संदीप सोनवलकर का विश्लेषणः
महाराष्ट्र में आज जिस तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) टूटी है, उसमें दो स्थानों के घटनाक्रम महत्वपूर्ण है। पहला अजित पवार के घर एनसीपी विधायकों की बैठक, दूसरा राजभवन में शपथ ग्रहण। इन दोनों ही जगहों पर एनसीपी के मौजूदा कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल मौजूद थे। पटेल की मौजूदगी ने कई सवाल छोड़ दिए हैं।