दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण के केंद्र के प्रयास को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश भर में विपक्षी नेताओं को एकजुट किया है। लेकिन क्या इसमें वह सफल होंगे?
प्रधानमंत्री मोदी 27 जुलाई को राजस्थान के सीकर में हैं। 6 महीने में उनकी यह 7वीं राजस्थान यात्रा है। लेकिन उनका राजस्थान दौरा इस बार विवादों से बच नहीं पाया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि उनके भाषण को कार्यक्रम से हटा दिया गया। इस पर पीएमओ ने जवाब दिया। लेकिन गहलोत ने फिर उसका जवाब दिया।
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार की नाराज़गी की ख़बर क्यों आ रही है? क्या उनकी किसी महत्वाकांक्षा को धक्का लगा है? जानिए, क्या है राजनीति।
क्या बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक से नीतीश कुमार नाराज़ लौटे हैं? आख़िर किस आधार पर बीजेपी नेता यह दावा कर रहे हैं? जानिए, जेडीयू ने सफ़ाई में क्या कहा है।
बेंगलुरु बैठक में विपक्षी मोर्चे के लिए I.N.D.I.A नाम पर चर्चा होने पर एक व्यक्ति जो आश्वस्त नहीं था, वो थे नीतीश कुमार। लेकिन वहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने घोषणा की कि 2024 में सत्तारूढ़ भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन को "आई.एन.डी.आई.ए" कहा जाएगा।
उत्तर प्रदेश में पूर्वाचल की राजनीति भाजपा के लिए काफी मायने रखती है। लोकसभा और विधानसभा में मनचाहा नतीजा नहीं मिलने की वजह वहां के ओबीसी नेता हैं। वहां के दो प्रमुख ओबीसी नेता अब भाजपा के साथ हैं। राजभर एनडीए का हिस्सा हैं और दारा सिंह चौहान तो भाजपा में ही शामिल हो गए हैं।
बेंगलुरु में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कई घोषणाएं की हैं। जिसमें सबसे खास घोषणा है कि विपक्षी मोर्चे का नाम और 11 सदस्यों की समन्वय समिति।
विपक्षी दलों की एकजुटता क्या बीजेपी के लिए 2024 में बड़ी मुश्किल खड़ी करने वाली है? जानिए, विपक्षी दलों की बैठक को लेकर प्रधानमंत्री ने बेहद तीखा हमला क्यों किया।
बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने शुरुआती भाषण में कहा कि कांंग्रेंस की दिलचस्पी पीएम पद में नहीं है। वो विपक्ष की एकता के लिए कृतसंकल्प है।
विपक्षी एकता बैठक के जवाब में आज मंगलवार को दिल्ली में एनडीए की भी बैठक में है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 38 पार्टियों के जुटने का दावा किया है। लेकिन एनडीए की बैठक का फोकस सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी का भाषण ही होगा। कोई क्षेत्रीय दल केंद्र की भाजपा सरकार को आलोचना के नजरिए से आईना दिखाने की कोशिश शायद ही कर पाए।