भाजपा नेता संदीप दायमा ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में पार्टी उम्मीदवार बालक नाथ के समर्थन में एक चुनावी रैली में गुरुद्वारों को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। बाद में कहा कि उनका आशय मदरसों और मसजिदों को लेकर था। लेकिन भाजपा को सिखों ने कटघरे में खड़ा कर दिया तो भाजपा ने पहले माफी मांगी और जब सिखों की नाराजगी दूर नहीं हुई तो नेता को पार्टी से निकाल दिया। पंजाब के भाजपा नेताओं ने भी सार्वजनिक बयान देकर दायमा की निन्दा की, इससे भाजपा आलाकमान दबाव में आ गया।