पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इन राज्यों के मतदाताओं ने इस सवाल का जवाब दे दिया है कि नरेन्द्र मोदी के सामने कौन है? तो क्या यह मोदी के लिए सँभलने का समय नहीं है?
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज दिल्ली में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने का एलान कर दिया है। इससे मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का रास्ता काफ़ी आसान हो गया है।
लौक लुभावन अर्थनीति और स्कीमों के ज़रिए पैसे लुटाने की रणनीति की वजह से मध्य प्रदेश में बीजेपी की स्थिति उतनी बुरी नहीं हुई, जितनी आशंका थी। शिवराज सिंह चौहान का कद बढ़ेगा।
इसकी पूरी संभावना है कि राजस्थान में अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश में कमलनाथ मुख्यमंत्री बनें। युवाओं को मौका देने के बजाय पुराने और अनुभवी नेताओं पर ही भरोसा किया जा रहा है।
एक साल पहले राहुल कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। उन्होंने साबित कर दिया कि वे बेमन से राजनीति कर रहे व्यक्ति से जनता की नब्ज़ पकड़ने वाले परिपक्व नेता बन रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने जनता के मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय मुफ़्त चीजें बाँटने पर ध्यान दिया। इसके अलावा पार्टी की भावनात्मक मुद्दों के सहारे जीतने की कोशिश भी फ़ेल हो गई।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिज़ोरम और तेलंगाना में तसवीर अब साफ़ होने लगी है। तेलंगाना में टीआरएस बहुमत की ओर बढ़ चुकी है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनावी मुक़ाबला बेहद रोमांचक रहा।
मिज़ो नेशनल फ्रंट अब मिज़ोरम में सरकार बनाएगी, उसे पूर्ण बहुमत मिला है। कांग्रेस को सिर्फ़ 5 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। इससे पता चलता है कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर अधिक थी।
पाँच विधानसभा चुनावों के नतीजों से निकले हैं पाँच बड़े निष्कर्ष। इन चुनावों ने कई बड़े मिथकों को तोड़ा और सत्तारूढ़ दल बीजेपी को गंभीर चिंतन की ज़रूरत बताई।
राजस्थान के विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे सरकार को अपनी भ्रष्ट छवि के कारण जाना पड़ा लेकिन सवाल यह है कि जनता के असल मुद्दों पर बीजेपी और कांग्रेस ने बात करने की ज़रूरत नहीं समझी।
आम आदमी पार्टी ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में अपने उम्मीदवार उतार तो दिए, पर उसे 1% वोट भी नहीं मिले। अकेले उतरने की रणनीति चारों खाने चित् होने की वजह क्या है?
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम के नतीजों के लिए मतगणना 8 बजे से शुरू होगी। इन राज्यों के नतीजों को लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।