दक्षिण की राजनीति में एक बार फिर फ़िल्मी सितारों की धूम है। रजनीकांत, कमल हासन, पवन कल्याण, प्रकाश राज, उपेंदर जैसे कलाकार राजनीतिक दंगल में कूद पड़े हैं। क्या ये फ़िल्मी सितारे एमजीआर या एनटीआर की तरह करिश्मा कर पाएँगे?
रफ़ाल से जुड़ा एक ऑडियो क्लिप आने और लोकसभा में इस पर हंगामे के बाद राहुल गाँधी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर मोदी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष ने रफ़ाल सौदे में गड़बड़ी के आरोप लगाए और प्रधानमंत्री से पाँच सवाल पूछे।
नरेंद्र मोदी के डेढ़ घंटे के इंटरव्यू में उठाए गए तमाम मुद्दों का जवाब आधे घंटे के प्रेस कॉन्फ्रेंस में देकर राहुल ने प्रधानमंत्री को बैकफ़ुट पर धकेल दिया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर पर अध्यादेश नहीं लाने की बात कही है क्योंकि उन्हें पता है कि राम मंदिर मुद्दे के दम पर 2019 का लोकसभा चुनाव जीतना बहुत मुश्किल है।
विश्व हिन्दू परिषद ने एक बार फिर कहा है कि राम मंदिर पर अदालत के फ़ैसले का इंतजार अनंत काल तक नहीं कर सकते। ऐसा कह कर विहिप ने एक तरह से मानो मोदी को चुनौती दी है।
ऐक्टर प्रकाश राज ने राजनीति में एंट्री की घोषणा की है। नए साल पर बधाई देते हुए उन्होंने अगला लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कही है। वह किसी पार्टी से नहीं जुड़ेंगे बल्कि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरेंगे।
बीजेपी ने नए साल के 100 दिनों में पीएम मोदी के जरिये 123 लोकसभा सीटों के मतदाताओं तक पहुँचने की रणनीति तैयार की है। इन 123 सीटों पर पार्टी को पिछले चुनाव में हार मिली थी।
यदि क्रिश्चन मिशेल द्वारा पूछताछ में सोनिया गाँधी का नाम लेने से वे संदिग्ध हो जाती हैं तो सहारा-बिड़ला काग़ज़ात में मोदी जी का नाम आने से वे संदिग्ध क्यों नहीं होते?
राजनीतिक ध्रुवीकरण के आरोप झेल रही बीजेपी दलित ध्रुवीकरण के मामले में जो कर रही है, उससे उसके ख़िलाफ़ ही माहौल बन रहा है। न वह दलितों को साध रही है न ही सवर्णों को
हार्दिक पटेल ने यूपी में बेजीपे के ही मुद्दों पर उसे घेरा, योगी-मोदी को लिया निशाने पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। क्या वे वहां अपनी सियासी ज़मीन तलाश रहे हैं?