धारा 370 और धारा 35-ए को ख़त्म करने की बात अपने चुनाव घोषणापत्र में करके बीजेपी ने बहस को तीखा कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि इससे राज्य आज़ाद हो जाएगा।
'सबका साथ, सबका विकास' का नारा देकर 2014 में सत्ता में आने वाली बीजेपी इस बार क्या वायदे करेगी, सोमवार को साफ़ हो जाएगा जब पार्टी अपना चुनाव घोषणापत्र जारी करेगी।
नरेंद्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही अहमद पटेल उनके और अमित शाह के निशाने पर रहे हैं। पिछले पाँच साल में अहमद पटेल पर इन हमलों के क्या हैं कारण?
अगर अर्थव्यवस्था और बेरोज़गारी के मसले पर वोट डाले गये तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है कि वह दुबारा प्रधानमंत्री न बनें।
'राष्ट्रवाद', और देश की आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर घेरने वाली बीजेपी को कांग्रेस ने अब मोदी के पुराने भाषणों से जवाब दिया है। कांग्रेस ने ऐसे पुराने भाषणों वाले वीडियो दिखाकर चार सवाल पूछे हैं।
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पार्टी नेतृत्व से नाराज़ होकर इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फ़ैसला किया है। इसके साथ ही उनके राजनीतिक जीवन का अंत माना जा रहा है।
अब तक राज्य की राजनीति के हाशिए पर खड़ी भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस को क्यों दे रही है चुनौती? क्या इसके लिए टीएमसी ख़ुद ज़िम्मेदार है?
बीजेपी ने अफ़्सपा पर पुनर्विचार करने का आश्वासन देने पर कांग्रेस पर देश के टुकड़े-टुकड़े करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है, पर वह खुद कई जगहों से इसे हटा चुकी है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ने पर एक अहम सवाल यह है कि अगर राहुल गाँधी दोनों सीटों से जीत जाते हैं तो अगली लोकसभा में वह किस सीट का प्रतिनिधित्व करेंगे और किस सीट से इस्तीफ़ा देंगे?
धारा 370 ख़त्म करने की माँग बीच-बीच में उठती रही है। क्या यह मुमकिन है और यदि मुमकिन है भी तो क्या व्यवहारिक है? चुनाव के ठीक पहले इस बहस के क्या मायने हैं?
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का दंभ भरने वाले हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें कितनी गहरी हैं इस बात का अंदाज़ा चुनाव पूर्व के दो महीनों में लगाया जा सकता है। दलों के बीच लड़ाई जाति-धर्म-कुल-गोत्र और क्षेत्र में उलझकर रह गई है।
राहुल गाँधी अमेठी के साथ केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी के तमाम नेता कह रहे हैं कि राहुल अमेठी में स्मृति ईरानी के मुक़ाबले अपनी हार से डर गए हैं। तो क्या सच में राहुल डर गये हैं?
बिहार में मृत प्राय हो चुकी सीपीआई को इस बार कन्हैया कुमार से काफ़ी उम्मीदें दिख रही हैं। क्या जेएनयू का यह पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष पार्टी को पुनर्जीवित कर पाएगा?