वैसे तो संसद या विधानमंडल के किसी भी सदन की किसी भी खाली सीट के लिए उपचुनाव होना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन मध्य प्रदेश की 28 सीटों के लिए हुए उपचुनाव देश के संसदीय लोकतंत्र की एक अभूतपूर्व और ऐतिहासिक घटना है।
मायावती ने तीन दिन में दो बार पलटी मारी है। पहले उन्होंने कहा कि वह समाजवादी पार्टी को हराने के लिये बीजेपी को भी सपोर्ट कर सकती हैं। आख़िर मायावती ने यह क्यों कहा?
गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस के विधायकों के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है और राज्यसभा चुनाव हो या कोई उपचुनाव, उससे पहले ऐसा गुजरात ही नहीं कई और प्रदेशों में भी हुआ है।
मजबूत संगठन और जुझारू कार्यकर्ताओं वाली समाजवादी पार्टी (एसपी) आज वैचारिक स्तर पर जूझ रही है। पार्टी के एजेंडे में अनवरत होने वाले परिवर्तन इसकी गवाही देते हैं।
रिहा हो चुके नेताओं ने एक बार फिर से कश्मीर में धारा 370 की बहाली को लेकर कमर कसी है तो दूसरी ओर बीजेपी ने सैकड़ों किमी. दूर बिहार में इसे चुनावी मुद्दा बना लिया है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कह दिया है कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर देने की वजह से चीन आक्रामक हुआ है। बीजेपी ने इसे 'देशद्रोही बयान' तक क़रार दे दिया।
अकाली दल बीजेपी गठबंधन टूटने के बाद सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि एनडीए सिर्फ़ नाम का था और उनकी पार्टी के साथ कोई चर्चा नहीं होती थी। क्या शिवसेना, टीडीपी और आजसू जैसे दलों के साथ भी इसी कारण गठबंधन टूटा?
बीजेपी का सबसे पुराना साथी रहे शिरोमणि अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए का साथ छोड़ दिया है। विवादास्पद तीन कृषि विधेयकों पर अकाली दल ने एनडीए से अलग होने की घोषणा की।