बग़ावत की खबरों के बाद बीजेपी नेतृत्व सक्रिय हो गया है। उत्तराखंड में पार्टी के बड़े नेताओं को टिकट न मिलने से नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टिकटों के बंटवारे के बाद सपा रालोद गठबंधन और बीजेपी के अंदर घमासान मच गया है। बगावत होने के कारण दोनों के लिए ही हालात मुश्किल बन गए हैं और चुनाव दिलचस्प हो गया है।
मूड ऑफ द नेशन पोल कहता है कि आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो बीजेपी को 271 सीटें मिलेंगी जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अकेले दम पर 303 सीटें जीती थीं।
हरक सिंह रावत के फिर से कांग्रेस में जाने की चर्चाओं के बीच बीजेपी ने उन्हें कुछ दिन पहले उत्तराखंड सरकार और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उसके बाद से ही उनके कांग्रेस में शामिल होने की बात कही जा रही थी।
बीजेपी लगातार दूसरे दलों को वंशवादी और परिवारवादी बताती है लेकिन उसे अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि नेता अपने बच्चों को टिकट दिलाने के लिए कितना दबाव पार्टी पर बना रहे हैं।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि इस युवा घोषणापत्र को बनाने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पूरे उत्तर प्रदेश के जिलों, कस्बों, शहरों में युवाओं से बात की और तब इसे तैयार किया गया है।
कांशीराम ने अच्छी पढ़ाई की और पुणे की एक्सप्लोसिव रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैबोरेटरी में वैज्ञानिक थे तो राजनीति में कैसे आ गए? जानिए उन्होंने कैसे दलित राजनीति को बदल दिया।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने समुदाय विशेष से नफरत प्रदर्शित करते हुए चुनावी पोस्टर जारी किया। चुनाव अधिकारी ने इसे आचार संहिता उल्लंघन का मामला माना है। पोस्टर हटाने का निर्देश दिया गया है। जानिए पूरी कहानी।