बीते दिनों जांच विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किये जाने
पर नौ विपक्षी दलों के नेताओं ने इस पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
को एक पत्र लिखा था, और इस पर संज्ञान लेने का आग्रह किया था। उन नौ दलों के नेताओं
में से आठ अब इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट और अलग-अलग हाईकोर्ट जाने का प्लान कर रही
हैं।
विपक्षी दलों का तरफ से यह प्लान ऐसे समय पर सामने आय़ा है जब विपक्षी दलों की
तरफ से गैर कांग्रेस और गैर बीजेपी गठबंधन बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस मसले
पर सहमति बनाने के लिए ममता बनर्जी बुधवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से
और शुक्रवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी से मुलाकात करेंगी।
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टीएमसी के एक नेता ने मीडिया
से बात करते हुए कहा कि एजेंसियों का गैरकानूनी इस्तेमाल विपक्षी दलों के लिए एक
बड़ा मुद्दा है। इस मसले पर आपसी सहमति बनाने के लिए हम पहले ही आपस में कई वर्चुअल
बैठकें कर चुके हैं। इसके लिए इन पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने याचिका पर हस्ताक्षर कर
दिए हैं। इन पार्टियों की तरफ से अदालत में पेश होने वाले एक प्रतिनिधि का नाम भी तय
कर लिया गया है, इसके लिए वकालतनामा पर भी हस्ताक्षर कर दिए गए हैं।
हम एजेंसियों के दुरुपयोग
के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रहे हैं। एजेंसियों का कथित
दुरुपयोग टीएमसी, आम आदमी पार्टी,
भारत राष्ट्र समिति और राष्ट्रीय जनता दल जैसी
पार्टियों के लिए अहम मुद्दा है। प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वाले विपक्षी नेताओं का मानना है कि केंद्र की
मनमानी के खिलाफ एकजुट होने के लिए यह आम सहमति का एक मुद्दा हो सकता है।
जांच एजेंसियों के
दुरुपयोग पर ममता बनर्जी ने कहा, 'वे बंगाल के
भाजपा नेताओं को खुश रखने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन
निदेशालय (ईडी) को हमारे पीछे लगा रहे हैं।
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ममता बनर्जी बुधवार को
तीन दिन की यात्रा पर ओडिशा पहुंचीं, अपनी यात्रा में वे बीजू जनता दल के अध्यक्ष
पटनायक से मुलाकात करेंगी। ममता बनर्जी ने पटनायक से मुलाकात के मसले पर कहा
कि यह एक व्यक्तिगत और शिष्टाचार भेंट है और इसका विपक्षी एकता बनाने के प्रयासों से
कोई लेना-देना नहीं है।
ममता बनर्जी, भाजपा
विरोधी क्षेत्रीय दलों के नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रही हैं। बनर्जी
ने बीते 17 मार्च को ही घोषणा की थी
कि तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। उसी दिन, उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश
यादव के साथ एक बैठक की, जो अपनी पार्टी
की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करने के लिए कोलकाता में थे। यादव ने भी
कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस और भाजपा से समान दूरी बनाए रखेगी।
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