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क्या फारूक अब्दुल्ला की पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी? जानें उमर की सफाई

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार शाम को कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है। उन्होंने अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के अकेले चुनाव लड़ने के दावे के कुछ घंटों बाद आया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एनसी भारत का हिस्सा बनी रहेगी और वास्तव में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में छह लोकसभा सीटों में से तीन के लिए कांग्रेस के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा, 'हम इंडिया का हिस्सा थे और अब भी हैं... चीजों को संदर्भ से बाहर कर दिया गया है। समूह का मुख्य विचार भाजपा को हराना है, क्योंकि दो नावों में सवार होने का कोई मतलब नहीं है।'

उमर से पहले फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार सुबह कहा था कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव सभी सीटों पर अकेले लड़ेगी। उन्होंने किसी भी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। अब्दुल्ला ने कहा था, 'जहां तक सीट बंटवारे का सवाल है, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अपने बल पर चुनाव लड़ेगी। इसमें कोई दो राय नहीं है। इस पर अब कोई सवाल नहीं होना चाहिए।'

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पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला इंडिया गठबंधन के प्रबल समर्थक रहे हैं और विपक्षी गठबंधन की सभी बैठकों में भाग लेते रहे हैं। हालाँकि उन्होंने ने यह नहीं बताया कि उनकी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का अचानक यह निर्णय क्यों लिया था।

ईडी का समन

दो दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने फिर से तलब किया है। उनको पिछले महीने इसी मामले में तलब किया गया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर वह श्रीनगर स्थित एजेंसी के दफ्तर में उपस्थित नहीं हुए थे। 

ईडी का यह मामला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़ा है जिसमें धन की कथित हेराफेरी का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित विभिन्न लोगों के व्यक्तिगत बैंक खातों में पैसे भेजे गए।

बीसीसीआई ने 2001 से 2012 के बीच जम्मू-कश्मीर में क्रिकेट के विकास के लिए जेकेसीए को 112 करोड़ रुपये दिए थे। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा पदाधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के बाद 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू हुई। तब अब्दुल्ला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे। उनके ख़िलाफ़ 2022 में केंद्रीय एजेंसी द्वारा आरोप पत्र दायर किया गया था। उनके खिलाफ आरोप पत्र में दावा किया गया है कि क्रिकेट संघ के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अब्दुल्ला ने खेल के विकास के नाम पर प्राप्त धन का दुरुपयोग किया और इसे व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल किया।

फारूक अब्दुल्ला को यह समन तब मिला है जब हाल ही में कई विपक्षी दलों पर ईडी अलग-अलग मामलों में कार्रवाई कर रही है। ईडी ने कुछ दिन पहले ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ़्तार किया है। समन पर पेश नहीं होने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ ईडी कोर्ट पहुँची है। हाल ही में तेजस्वी यादव सहित कई विपक्षी दलों पर ईडी की ऐसी कार्रवाई शुरू हुई है। 

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फारूक अब्दुल्ला ने किसी भी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह भी संकेत दिया था कि वह भविष्य में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में फिर से शामिल हो सकते हैं।

इंडिया टुडे के साथ एक साक्षात्कार में फारूक अब्दुल्ला ने एनडीए में लौटने की संभावना से इनकार नहीं किया था। जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में थे तब नेशनल कॉन्फ्रेंस एनडीए का हिस्सा थी। 

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क़मर वहीद नक़वी
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