चौटाला परिवार में राजनीतिक विरासत को लेकर रार मची है। एक तरफ अभय सिंह चौटाला हैं तो दूसरी तरफ उनके बड़े भाई अजय सिंह के बेटे दुष्यंत और दिग्विजय। अभय, ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे हैं, जबकि अजय सिंह बड़े बेटे हैं। फ़िलहाल अभय सिंह की पकड़ मज़बूत है। ख़बर है कि इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने अपने दोनों पोतों दुष्यंत और दिग्विजय को पार्टी से निलंबित कर दिया है। हालाँकि दिग्विजय चौटाला ने इन ख़बरों को अफ़वाह बताया है। उनका कहना है कि परिवार में ऐसा कुछ भी नहीं चल रहा है और ओ. पी. चौटाला के नेतृत्व में हम एक हैं।
चौटाला परिवार में नई कलह की शुरुआत तब हुई जब ओम प्रकाश चौटाला ने पार्टी की युवा इकाई और छात्र संगठन इनसो की राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी को भंग करने का फ़ैसला किया। पार्टी की छात्र और युवा इकाइयों का नेतृत्व दुष्यंत और दिग्विजय कर रहे थे।
इन फ़ैसलों के पीछे कई कारण बताए गए। दोनों इकाइयों पर अनुशासनहीनता और पार्टी के ख़िलाफ़ काम करने के आरोप लगे। गोहाना में 7 अक्टूबर को चौधरी देवीलाल के जन्मदिवस सम्मान समारोह रैली में भी अभय चौटाला के खिलाफ हूटिंग हुई थी। इसके अलावा इनसो पर पार्टीविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे। बता दें कि इनलो में राजनीतिक विरासत को लेकर मनमुटाव की ख़बरें आती रही हैं। विरासत की लड़ाई के पीछे की वजहों को तीन प्रमुख किरदारों से समझा जा सकता है। अभय, अजय और ओमप्रकाश चौटाला।शिक्षक भर्ती घोटाले में ओमप्रकाश चौटाला और अजय चौटाला को 10 साल की सज़ा सुनाए जाने के बाद से अभय चौटाला पार्टी की कमान संभाल रहे हैं। ओमप्रकाश और अजय चौटाला के जेल में जाने के बाद अभय सिंह ने ही मुश्किल दौर में पार्टी को सँभाला। फ़िलहाल इंडियन नैशनल लोकदल मुख्य विपक्षी दल है और अभय सिंह चौटाला विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। वे बीएसपी से गठजोड़ करने जैसी बड़ी पहल भी कर रहे हैं। दलितों और जाटों का गठजोड़ काफ़ी मायने रखता है। इन्हीं वजहों से पार्टी में अभय सिंह चौटाला की हैसियत बड़ी है। यहीं पर दिग्विजय और दुष्यंत को दिक़्क़त है।
अपनी राय बतायें