loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
51
एनडीए
29
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
221
एमवीए
55
अन्य
12

चुनाव में दिग्गज

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

पीछे

हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट

आगे

ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर हमला, बीजेपी पर आरोप

यूपी के पूर्व मंत्री और बीजेपी से बगावत करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर कुशी नगर में हमला किया गया। कुशीनगर में 3 मार्च को मतदान होगा। लेकिन उससे पहले इस तरह की घटना हो गई। इसका चुनाव पर असर पड़ना तय है। इस हमले में स्वामी के समर्थक और सपा कार्यकर्ता बड़ी तादाद में जख्मी हो गए। घटना के विरोध में स्वामी प्रसाद मौर्य धरने पर बैठ गए हैं। उनकी बेटी और बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ने आरोप लगाया है कि दंगा मुक्त प्रदेश का दावा करने वाली बीजेपी ने मेरे पिता पर हमला कराया है। 

कुशीनगर और फाजिलपुर के बीच खलवा पट्टी में स्वामी प्रसाद मौर्य का रोड शो निकल रहा था। उसी दौरान कुछ अराजक तत्वों ने रोड शो पर हमला कर दिया। हमले का आरोप बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र कुशवाहा पर लगाया गया है।

ताजा ख़बरें

इस हमले की सूचना जैसे ही उनकी सांसद बेटी संघमित्रा मौर्य को मिली तो वो भी घटनास्थल पर जा पहुंचीं। उन्होंने इस हमले में बीजेपी का हाथ बताया। हमारे कार्यकर्ताओं को मारा गया। कितनों के सिर फट गए। जो पार्टी दंगा मुक्त प्रदेश का दावा करती थी, वो उसकी असलियत सामने आ गई। लेकिन जनता जरूर इस हमले का बदला लेगी।

स्वामी प्रसाद पहले बीजेपी में थे और मंत्री थे। लेकिन चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले उन्होंने बगावत कर दी। उनके बगावत करते ही बीजेपी के कई ओबीसी विधायकों और दो मंत्रियों ने बीजेपी छोड़ दी। 

OBC leader Swami Prasad Maurya's convoy attacked, BJP accused - Satya Hindi
स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले में कई गाड़ियों को निशाना बनाया गया। (फोटो सोशल मीडिया))

स्वामी प्रसाद मौर्य के बीजेपी छोड़ने से यूपी की ओबीसी राजनीति प्रभावित हो गई। उसने सारे समीकरण बिगाड़ दिए। बीजेपी को कई टिकट काटने पड़े, प्रत्याशी बदलने पड़े। बहुत सारे लोगों ने बीजेपी छोड़ी लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी की नजरों में खटक रहे हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें