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बीएसपी नहीं, सपा है बीजेपी की बी टीमः मायावती

यूपी विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पराजित बीएसपी सपा और कांग्रेस पर हमले का कोई मौका छोड़ नहीं रहा है। बीएसपी प्रमुख मायावती ने अब सपा और कांग्रेस पर हमला बोला है।

मायावती ने सपा को बीजेपी की बी पार्टी बताया है। उन्होंने बीएसपी के बीजेपी की बी टीम होने से इनकार करते हुए  याद दिलाया कि किस तरह 2017 में पराजित होने के बाद मुलायम सिंह यादव अपने बेटे अखिलेश यादव के साथ योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के बाद उनसे आशीर्वाद लेने के लिए मिले थे। उन्होंने कहा कि दरअसल, बीजेपी और सपा मिले हुए हैं।

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उन्होंने एक बयान में कहा कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अपने हितों के लिए परिवार के एक सदस्य को बीजेपी में प्लांट कर दिया है। दरअसल, मायावती ने यह इशारा मुलायम की बहू अपर्णा यादव की तरफ किया है। अपर्णा जनवरी में बीजेपी में शामिल हो गई थीं। हालांकि अपर्णा ने लखनऊ कैंट से टिकट मांगा था लेकिन बीजेपी ने टिकट नहीं दिया।

ताजा घटनाक्रम बता रहे हैं कि अपर्णा यादव को एमएलसी बनाकर मंत्री बनाया जा सकता है। ताकि अखिलेश यादव का महत्व कम किया जा सके।

यह पहली बार नहीं है कि मायावती ने सपा पर हमला बोला है। 10 मार्च को चुनाव नतीजे आने के बाद मायावती ने बीएसपी की हार का जिम्मेदार सपा और मीडिया को ठहराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि मीडिया और सपा ने बीएसपी को बीजेपी समर्थक बताकर दुष्प्रचार किया जिसका हमें बहुत भारी नुकसान हुआ। हालांकि बीएसपी के बारे में यह धारणा तब ज्यादा मजबूत हुई जब चुनाव के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने इंटरव्यू में कहा था कि बीएसपी बहुत बड़ी पार्टी है। उसे बहुत सारी सीटें मिलेंगी। मुसलमान भी बीएसपी को वोट देंगे। इसके जवाब में मायावती ने अमित शाह को शुक्रिया कहा था।

यूपी में कभी 30 फीसदी वोट शेयर पाने वाली बीएसपी अब 12 फीसदी वोट शेयर पर सिमट गई है।

कांग्रेस पर भी हमला

सपा के बाद मायावती ने कांग्रेस शासित राजस्थान सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा - राजस्थान कांग्रेस सरकार में दलितों व आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। हाल ही में डीडवाना व धोलपुर में दलित युवतियों के साथ बलात्कार व अलवर में दलित युवक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या व जोधपुर के पाली में दलित युवक की हत्या ने दलित समाज को झकझोर दिया है।

बीएसपी प्रमुख ने कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि राजस्थान में खासकर दलितों व आदिवासियों की सुरक्षा करने में वहां की कांग्रेसी सरकार पूरी तरह से विफल रही है। अतः यह उचित होगा कि इस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।

 

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क़मर वहीद नक़वी
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