केरल में चल रही हिंसक वारदात और ज़बरदस्त आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जनवरी और 16 जनवरी को दो अलग-अलग जगहों पर आम सभा करेंगे। वे पहले दिन कोल्लम और दूसरे दिन त्रिशूर में आयोजित रैलियों में बोलेंगे। यह भारतीय जनता पार्टी का आयोजन है। बीजेपी ने 15 जनवरी को ही राजधानी तिरुवनंतपुरम में सचिवालय तक एक बड़े मार्च का कार्यक्रम रखा है, जिसमें हज़ारों लोगों के शिरकत करने की संभावना है।
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प्रधानमंत्री मोदी का यह कार्यक्रम ऐसे समय हो रहा है जब बीजेपी ने पूरे राज्य में एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर दिया है। अयप्पा मंदिर में महिलाओं के दाख़िले की इजाज़त देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद से ही पार्टी ने आंदोलन चला रखा था। हाल में तीन औरतों के घुसने के बाद यह आंदोलन पूरे राज्य में तेज़ी से फैला है और हिंसक हुआ है। शुक्रवार की रात सीपीएम विधायक ए. एन. शमसीर और बीजेपी सांसद वी. मुरलीधरन के घर पर बम फेंके गए।
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सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के तुरंत बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह केरल गए थे और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विरोध किया था। उन्होंने सवाल किया था कि जिस फ़ैसले को लागू नहीं किया जा सकता, सर्वोच्च अदालत उस तरह के फ़ैसले देती ही क्यों है। उसके बाद ही पूरे राज्य में बीजेपी ने आंदोलन शुरू कर दिया और धीरे धीरे यह बहुत बड़ा आंदोलन बन गया। उसके बाद इसमें कांग्रेस भी कूद पड़ी। तीन महिलाओं के प्रवेश के बाद पूरे विपक्ष ने राज्य भर में 'काला दिवस' मनाया, जिसका व्यापक असर दीखा। प्रधानमंत्री की यात्रा और बीजेपी के कार्यक्रम में भाषण देने की योजना कई सवाल खड़े करते है।
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