2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीएसपी की कमान मायावती के भतीजे आकाश आनंद के हाथ में होगी। मायावती ने रविवार को इसकी घोषणा की है। यानी आकाश मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी होंगे।
यह घोषणा आगामी 2024 लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की एक बैठक के दौरान की गई। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बैठक में मौजूद पार्टी नेताओं ने कहा कि बसपा प्रमुख ने आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाया है और उन्हें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाहर के राज्यों में पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी है। पार्टी की बैठक के बाद प्रेस रिलीज जारी कर बैठक में लिए गए फ़ैसलों की जानकारी दी गई।
10-12-2023-BSP Press Note-All-India Meeting pic.twitter.com/46RetViMhH
— Mayawati (@Mayawati) December 10, 2023
आकाश आनंद को ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जा रहा था जो पार्टी नेता के रूप में बसपा अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा। उनके बारे में कहा जाता था कि वह पिछले साल से पार्टी मामलों के प्रभारी भी थे। वह मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं।
2016 में बसपा में शामिल होने के बाद आकाश आनंद को 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी के स्टार प्रचारकों में शामिल किया गया था। मायावती ने 2019 में अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था और भतीजे आकाश को राष्ट्रीय समन्वयक बनाया था। 2022 में राजस्थान के अलवर में आकाश आनंद अपनी पदयात्रा के बाद मायावती के सर्कल में दिखने लगे थे।
वंशवादी राजनीति की हमेशा बड़ी आलोचक रहीं मायावती के लिए आकाश आनंद पर फ़ैसला लेना आसान काम नहीं रहा होगा। और इसका अंदाजा मायावती को 2019 में अपने जन्मदिन पर आई तस्वीरों के बाद लग गया होगा।
दरअसल, 2019 में मायावती के जन्मदिन पर उनके साथ दिखा एक नौजवान अचानक राष्ट्रीय मीडिया में चर्चा का विषय बन गया था। उसके बारे में हुई तमाम तरह की चर्चाओं पर बीएसपी सुप्रीमो ने तब जवाब दिया था कि वह उनका भतीजा आकाश आनंद है और वह उसे बीएसपी मूवमेंट में शामिल करेंगी। तब आकाश सिर्फ़ 24 वर्ष के थे।
मायावती ने तब कहा था, ‘मैं कांशीराम की चेली हूँ और जैसे को तैसा जवाब देना जानती हूँ। मैं आकाश को बीएसपी मूवमेंट में शामिल करूँगी और अगर मीडिया के कुछ जातिवादी और दलित विरोधी तब़के को इस पर आपत्ति है तो रहे, हमारी पार्टी को इसकी कोई चिंता नहीं है।'
वंशवाद को लेकर आरोपों के बीच 2019 में मायावती ने कहा था, ‘मेरे जन्मदिन पर आनंद के बेटे आकाश को मेरे साथ देखकर कुछ मीडिया समूहों ने उसे सस्ती राजनीति का शिकार बनाने का षड्यंत्र किया गया है, जिसकी मैं निंदा करती हूँ।' उन्होंने अपने छोटे भाई आनंद कुमार के बारे में कहा था कि उनके भाई ने पार्टी के लिए बिना किसी स्वार्थ के काम किया है। मायावती ने कहा कि 'उन्होंने आनंद कुमार को बीएसपी का उपाध्यक्ष बनाया था लेकिन उन पर परिवारवाद का आरोप न लगे इसलिए आनंद ने इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया। आनंद का पूरा परिवार बीएसपी मूवमेंट के लिए समर्पित है।'
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