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राहुल गांधी की तरह संसद/विधानसभा की सदस्यता गंवाने वाले नेता 

आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा से निलंबित किए गए पूर्व कांग्रेस सासंद राहुल गांधी संसद और विधानसभाओं के उन नेताओं की सूची में शामिल हो गये हैं जिन्हें पहले इस तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।
राहुल गांधी समेत इन तमाम नेताओं को जनप्रतिनिधित्व कानून के नियमों के आधार पर अयोग्य घोसित किया गया है। इस कानून के अनुसार किसी भी सदस्य को दो साल या उससे ज्यादा की जेल की की सजा सुनाई जाती है तो उसे सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। इसके तहत ही सजा सुनाये जाने की तारीख से लेकर जेल की अवधि और उसके बाद छह साल तक उसके चुनाव लड़ पाने पर भी रोक रहेगी।
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अब्दुल्ला आजम खान समाजवादी पार्टी के विधायक और रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधायक को फरवरी 2023 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब्दुल्ला आजम पर 31 दिसंबर, 2007 को रामपुर में सीआरपीएफ शिविर पर हमले के बाद पुलिस द्वारा जांच के लिए उनके काफिले को रोके जाने के बाद राजमार्ग पर धरना प्रदर्शन का आरोप था। अबदुल्ला के पिता और समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान को भड़काऊ भाषण के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी, उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनपर कार्रवाई करते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी।
मोहम्मद फैजल, लक्ष्यदीप के सांसद को भी इस तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। हालांकि बाद फैजल को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है लेकिन उसके बाद भी लोकसभा अध्य़क्ष द्वारा उनकी सदस्यता बहाल नहीं की गई है, वे अपनी सदस्यता बहाल कराने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से कई बार अपील कर चुके हैं।
अनिल साहनी, आरजेडी के विधायक को भी अक्टूबर 2022 में इस तरह की कार्रवाई का सामना कर चुके हैं। खुरनी से विधायक अनिल साहनी को धोखाधड़ी के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी। उन्हें 2012 में यात्रा किए बिना एयर इंडिया के फर्जी ई-टिकटों का उपयोग करके यात्रा भत्ता प्राप्त करने का प्रयास करने का दोषी ठहराया गया था।
भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में दो साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद अक्टूबर 2022 से उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सैनी मुजफ्फरनगर के खतौली से विधायक थे।
अनंत सिंह आरजेडी के विधायक को उनके आवास से हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी से संबंधित एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद जुलाई 2022 में बिहार विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अनंत सिंह पटना की मोकामा से विधायक थे।
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कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी को मारपीट के एक मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद जनवरी 2021 में हरियाणा विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वह कालका से विधायक थे।
कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद फरवरी 2020 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उन्नाव की बांगरमऊ विधानसभा सीट से विधायक सेंगर को भाजपा ने पार्टी से भी निष्कासित कर दिया था।
जे जयललिता अन्नाद्रमुक प्रमुख को आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद सितंबर 2014 में तमिलनाडु विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अयोग्य ठहराए जाने के समय वह तमिलनाडु की मुख्यमंत्री थीं और उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था। 
लालू प्रसाद यादव को सितंबर 2013 में चारा घोटाला से संबंधित मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उस समय वह बिहार के सारण से सांसद थे।
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क़मर वहीद नक़वी
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