आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि AAP "इंडिया गठबंधन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।" हालांकि पंजाब में आप और कांग्रेस के नेताओं के बीच कथित ड्रग्स के मामले में विधायक सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी को लेकर विवाद चल रहा है। कांग्रेस ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है, क्योंकि पंजाब के कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ हैं।
अरविंद केजरीवाल ने पत्रकारों से 29 सितंबर को कहा कि "आप I.N.D.I.A के लिए प्रतिबद्ध है...आप इंडिया गठबंधन से अलग नहीं होगी।" केजरीवाल ने इंडिया गठबंधन में अगले चुनावों के लिए सीट-बंटवारे को लेकर अंदरूनी कलह की बात को अधिक महत्व नहीं दिया। उन्होंने एक बार फिर अशांत माहौल को शांत करने की कोशिश की।
खैरा की गिरफ्तारी के मामले में सीधा जवाब नहीं देकर केजरीवाल ने फरमाया- "मेरी पार्टी नशीली दवाओं के खिलाफ युद्ध के लिए प्रतिबद्ध है। मुझे पता चला है कि पंजाब पुलिस ने कल कुछ कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार किया है। मेरे पास विवरण नहीं है... आप पुलिस से प्राप्त कर सकते हैं। हमने नशीली दवाओं के खिलाफ युद्ध छेड़ा है... मैं किसी भी व्यक्तिगत मामले पर टिप्पणी नहीं करूंगा लेकिन हम नशे की लत ख़त्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
खैरा को 2015 के ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया है। लेकिन खैरा की गिरफ्तारी ने AAP बनाम कांग्रेस की लड़ाई को तेज कर दिया है। दोनों ही दल इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं। इंडिया गठबंधन इस साल के राज्य चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा को हराने के लिए मिलकर काम करने की उम्मीद कर रहा है। लेकिन बीच में केजरीवाल जैसे नेता इस गठबंधन के लिए खतरा बनते नजर आते हैं।
पंजाब कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने आलाकमान को बताया है कि पंजाब सरकार एक रणनीति के तहत कांग्रेस के सीनियर नेताओं को टारगेट कर रही है, ताकि पार्टी की छवि को खराब किया जा सके। खैरा से पहले पूर्व मंत्रियों साधु सिंह धर्मसोत और भारत भूषण आशु और पूर्व उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी की गिरफ्तारी इसी रणनीति का हिस्सा थी। खैरा को गुरुवार को दो दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
कांग्रेस के पंजाब प्रमुख अमरिंदर राजा वारिंग ने कहा कि राज्य में "जंगल राज" है। हमने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को सुखपाल सिंह खैरा के खिलाफ "झूठे मामले" के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा, "हम चुप नहीं रह सकते। हम अंत तक लड़ेंगे।"
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इस सारी राजनीति में कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी सबसे महत्वपूर्ण है। क्योंकि कैरा पंजाब में आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी गठबंधन के खिलाफ सबसे मुखर लोगों में से एक हैं। वह कांग्रेस के किसान सेल के अध्यक्ष (राष्ट्रीय स्तर पर) भी हैं और इसलिए पार्टी पदाधिकारी और विधायक दोनों हैं।
इस विवाद पर अपनी टिप्पणी में, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि "अगर कोई हमारे साथ नाइंसाफी करता है, तो हम उसे बर्दाश्त करने वालों में से नहीं हैं।" उन्होंने कहा, "मैं इसका ब्योरा लूंगा...लेकिन मामला कुछ भी हो, अगर कोई नाइंसाफी करता है तो वह ज्यादा दिनों तक चल नहीं पाता है।"
इसीलिए केजरीवाल का 29 सितंबर का बयान महत्वपूर्ण है। इस बयान के जरिए उन्होंने विवाद पर पानी डालने की कोशिश की है। लेकिन पंजाब कांग्रेस के नेता इस भुलाने को तैयार नहीं हैं। राज्य पार्टी प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा सहित कांग्रेस नेताओं को शुक्रवार को गिरफ्तार नेता खैरा से मिलने से रोक दिया गया। कांग्रेस ने आप सरकार पर ''प्रतिशोध की राजनीति'' करने का आरोप लगाया है।
बाजवा ने मीडिया से कहा, ''हम आज (29 सितंबर) पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ फाजिल्का में अपने विधायक सुखपाल खैरा से मिलने गए थे। लेकिन हमने मिलने से रोक दिया गया।'' इस मुद्दे पर भाजपा नेता तरुण चुघ ने कहा कि पंजाब में बदलाव के नाम पर सत्ता में आई आप सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है और प्रतिशोध की राजनीति कर रही है।
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