राज्यसभा चुनाव में हरियाणा में एक सीट पर बीजेपी के कृष्ण लाल पंवार को जीत मिली है जबकि दूसरी सीट पर बीजेपी-जेजेपी समर्थित कार्तिकेय शर्मा ने कामयाबी हासिल की। बता दें कि मीडिया कारोबारी कार्तिकेय शर्मा के चुनाव मैदान में आने के बाद से ही कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही थीं।
इससे पहले हरियाणा और महाराष्ट्र के राज्यसभा चुनाव के लिए मतों की गिनती शुरू होने से पहले जोरदार ड्रामा हुआ। कई घंटों बाद मतगणना शुरू हो सकी और शुक्रवार देर रात को चुनाव नतीजे आए।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने राजस्थान में अच्छा प्रदर्शन करते हुए तीनों सीटों पर जीत हासिल कर ली। एक सीट पर बीजेपी के नेता घनश्याम तिवारी जीते।
जून में राज्यसभा की खाली हो रही 57 सीटों के लिए चुनाव होना था जिसमें 41 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका था। बाकी बची 16 सीटों के लिए शुक्रवार को वोटिंग कराई गई।
विधायकों में सेंधमारी की आशंका को देखते हुए ही कांग्रेस ने अपने विधायकों को दिल्ली से छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में स्थित रिजॉर्ट में भेज दिया था। लेकिन किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई रिजॉर्ट में नहीं पहुंचे थे।
राज्यसभा की सीट को जिताने की जिम्मेदारी भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर ही थी लेकिन अजय माकन को जीत नहीं मिल सकी।
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90 सीटों वाली हरियाणा की विधानसभा में बीजेपी के पास 40 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं।
31 वोट चाहिए थे
एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 31 वोटों की जरूरत थी। बीजेपी अपने एक उम्मीदवार को आसानी से चुनाव जिता सकती थी जबकि इसके बाद उसके पास 9 वोट और थे। जेजेपी के पास 10 वोट थे। सात विधायक निर्दलीय हैं और हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा और इनेलो के अभय चौटाला भी विधायक हैं।
निश्चित रूप से कार्तिकेय शर्मा निर्दलीयों और छोटी पार्टियों के विधायकों का समर्थन जुटाने में कामयाब रहे और कांग्रेस विधायकों ने भी क्रॉस वोटिंग की है। इस वजह से अजय माकन चुनाव नहीं जीत सके।
कौन हैं कार्तिकेय शर्मा?
कार्तिकेय शर्मा हरियाणा के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे हैं। वह एक टेलीविजन चैनल के मालिक भी हैं। विनोद शर्मा कांग्रेस में बड़े नेता थे और वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दोस्त भी हैं। कार्तिकेय शर्मा के ससुर कुलदीप शर्मा भी कांग्रेस में हैं और वह विधायक भी रहे हैं।
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नाराज थे कुलदीप बिश्नोई
वरिष्ठ विधायक कुलदीप बिश्नोई ने यह कहकर पार्टी की चिंता बढ़ा दी थी कि वह राज्यसभा चुनाव में अपनी मर्जी से वोट डालेंगे ना कि किसी के निर्देश पर। कुलदीप बिश्नोई हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष न बनाए जाने से नाराज हैं और साथ ही उन्हें राज्यसभा में भी नहीं भेजा गया, इसे लेकर भी उनके नाराज होने की खबर हरियाणा के सियासी गलियारों में है।कर्नाटक के नतीजे
कर्नाटक के नतीजों की बात करें तो यहां आंकड़ों के लिहाज से बीजेपी 2 सीटें जीत सकती थी लेकिन उसे एक और सीट पर जीत मिली। इस तरह उसके तीनों उम्मीदवार जीत गए।
यहां बीजेपी की ओर से निर्मला सीतारमण, जग्गेश, लहर सिंह सिरोया चुनाव मैदान में थे जबकि कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश, मंसूर अली खान और जेडीएस की ओर से कुपेंद्र रेड्डी चुनाव लड़ रहे थे।
कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश को जीत मिली जबकि जेडीएस को कोई सीट नहीं मिली।
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