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भाजपा सांसद कंगना रनौत

कंगना v/s भाजपाः पार्टी की लताड़ पर कृषि बिल वाला बयान वापस, सॉरी भी बोला

भारतीय जनता पार्टी की सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने बुधवार को 3 कृषि कानूनों पर अपना बयान वापस ले लिया। इन काले कृषि कानूनों को किसान आंदोलन की वजह से मोदी सरकार ने 2021 में रद्द कर दिया था। कंगना ने मंगलवार को विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग की। कंगना के बयान को विपक्ष ने मुद्दा बनाया। लेकिन भाजपा की ओर से मंगलवार देर रात सफाई आई कि वो इस बयान से सहमत नहीं है और न ही कंगना को पार्टी की ओर से इस तरह का बयान देने का अधिकार है। कंगना फिर भी अड़ी रहीं और देर रात एक्स पर जवाब दिया कि वो उनकी निजी राय है, पार्टी की नहीं। लेकिन कंगना ने बुधवार को आश्चर्यजनक से अपना कृषि कानून वापस लाने का बयान वापस ले लिया।

कंगना रनौत ने कहा कि उन्होंने विवादास्पद कानूनों पर अपने बयान से कई लोगों को निराश किया है, जिसका उन्हें खेद है। कंगना ने कहा कि “पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे किसान कानून पर कुछ सवाल पूछे और मैंने सुझाव दिया कि किसानों को पीएम मोदी से किसान कानून को वापस लाने का अनुरोध करना चाहिए। मेरे बयान से बहुत से लोग निराश हैं।”

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कंगना ने अपनी सफाई में बुधवार को आगे कहा- “जब किसान कानून प्रस्तावित किया गया था, तो हममें से कई लोगों ने इसका समर्थन किया था लेकिन हमारे प्रधान मंत्री ने बड़ी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ इसे वापस ले लिया। और हम सभी कार्यकर्ताओं का कर्तव्य है कि हम उनके शब्दों की गरिमा का सम्मान करें। मुझे भी ये बात ध्यान में रखनी होगी. मैं कोई कलाकार नहीं हूं। मैं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं और मेरी राय मेरी अपनी न होकर पार्टी के रुख होनी चाहिए। इसलिए अगर मैंने अपने शब्दों और अपनी सोच से किसी को निराश किया है तो मुझे खेद है और मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।''

कंगना का मंगलवार को वीडियो बयान आने के बाद विपक्ष ने काफी प्रतिक्रिया दी। हरियाणा विधानसभा चुनाव पर इसका असर होने की आशंका के बीच भाजपा सक्रिय हुई। लेकिन भाजपा का बयान मंगलवार देर रात आया।

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने मंगलवार देर रात एक वीडियो संदेश में कंगना के बयान पर कहा कि "यह कंगना रनौत का "व्यक्तिगत बयान" है और कृषि बिलों पर पार्टी के नजरिये को नहीं दर्शाती है। गौरव भाटिया ने कहा- “सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत का बयान वायरल हो रहा है। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि ये बयान उनका निजी बयान है। कंगना रनौत बीजेपी की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि बिलों पर बीजेपी के नजरिये को चित्रित नहीं करता है। हम इस बयान को अस्वीकार करते हैं।"

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एक्ट्रेस और भाजपा सांसद कंगना रनौत ने मंगलवार देर रात 12.15 बजे इसका जवाब एक्स पर ट्वीट के जरिये दिया। कंगना रनौत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा-  “बिल्कुल, किसान कानूनों पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। धन्यवाद। ”

इससे पहले, एक्ट्रेस ने मीडिया से कहा था, “मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है, लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए।”

यह बयान विपक्ष को रास नहीं आया क्योंकि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिन्दर सिंह राजा ने अभिनेत्री की आलोचना करते हुए उन्हें "आदतन विवादास्पद" बताया। राजा ने कहा- “मुझे लगता है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर है। कुछ लोग विवाद पैदा करने के आदी हैं और उनके बयानों से भाजपा को फायदा होता है। वह किसानों, पंजाब, आपातकाल और राहुल गांधी के बारे में बात करती हैं। ऐसे अन्य सांसद भी हैं जो कभी ऐसी टिप्पणी नहीं करते।''

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी एक्स पर रनौत का वीडियो शेयर किया और कहा, ''''तीन काले किसान कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए 750 से ज्यादा किसान शहीद हो गए। प्रयास किए जा रहे हैं उन्हें वापस लाया जाए।" उन्होंने हरियाणा में विधानसभा चुनावों के स्पष्ट संदर्भ में कहा, "हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे। हरियाणा पहले जवाब देगा।"

कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने भी एक्स पर वीडियो साझा किया और कहा कि यह भाजपा की "असली सोच" है। कितनी बार किसानों को धोखा दोगे, दोगले लोगों?" 

कंगना से भाजपा परेशान

विशेष रूप से, यह पहली बार नहीं है। पिछले महीने कंगना ने दावा किया था कि किसानों का विरोध प्रदर्शन भारत में "बांग्लादेश जैसी स्थिति" का परिणाम है और किसानों के विरोध स्थलों से कई हत्याओं और बलात्कार की सूचना मिली थी। भाजपा ने कंगना रनौत की इस टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया और कहा कि वह पार्टी की ओर से इस तरह के बयान देने के लिए "अधिकृत नहीं" हैं। पिछले महीने भी भाजपा ने किसान आंदोलन के बारे में मंडी सांसद के बयान से खुद को अलग कर लिया था और उन्हें भविष्य में ऐसे बयान देने से बचने के लिए भी कहा था। 

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भाजपा ने कहा था- ''भाजपा सांसद कंगना रनौत ने किसान आंदोलन के संदर्भ में जो बयान दिया है, वह पार्टी की राय नहीं है। भारतीय जनता पार्टी कंगना रनौत के बयान से असहमति जताती है। पार्टी की ओर से कंगना रनौत को न तो अनुमति दी गई है और न ही पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बयान देने के लिए अधिकृत हैं। भारतीय जनता पार्टी की ओर से कंगना रनौत को निर्देश दिया गया है कि वह भविष्य में इस तरह का कोई बयान न दें। भारतीय जनता पार्टी 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' और सामाजिक सद्भाव के सिद्धांतों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
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क़मर वहीद नक़वी
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