loader
कमलनाथ

कमलनाथ आज खड़गे से मिलेंगे, इस्तीफे के लिए दबाव बढ़ा

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की बुरी तरह हार के लिए कमलनाथ पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है। सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर सकते हैं और विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद पद से अपना इस्तीफा दे सकते हैं। कमलनाथ मंगलवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं।
163 सीटें जीतकर बीजेपी को 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में दो-तिहाई बहुमत मिला, जबकि कांग्रेस को 66 सीटें मिलीं। चुनाव पिछले महीने हुए थे और वोटों की गिनती रविवार को हुई। 
ताजा ख़बरें
कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित इंडिया गठबंधन के कई नेताओं के खिलाफ नाथ की टिप्पणियों से भी नाराज है। एमपी में सीट बंटवारे को लेकर कमलनाथ ने अखिलेश, जेडीयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर टिप्पणियां की थीं।
समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश में सिर्फ चार से छह सीटें मांगी थीं, जेडीयू भी सिर्फ एक सीट मांग रही थी। लेकिन इन प्रस्तावों पर कमलनाथ सहमत नहीं थे। कमलनाथ के अड़ियल रवैए ने विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं को नाराज कर दिया। हालांकि इंडिया गठबधंन के नेता लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर एकजुट हुए हैं और वे एकता का प्रदर्शन इसी चुनाव से करना चाहते थे।
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व कथित तौर पर चुनाव के दौरान कमलनाथ द्वारा पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से नहीं मिलने, बल्कि सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने से भी नाराज है। पार्टी का मानना है कि कमलनाथ की गतिविधियों से गलत संकेत जा रहा है। हालांकि सोमवार को शिवराज से मुलाकात शिष्टाचार वाली थी। वो उन्हें जीत की बधाई देने गए थे।
कांग्रेस, जिसने 2018 के चुनाव में 114 सीटें जीतकर कमलनाथ के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनाई थी, उसने 2023 के विधानसभा चुनाव में केवल बेहद खराब प्रदर्शन किया। कमलनाथ के अड़ियल रवैए की वजह से पार्टी ने सबकुछ उन्हें करने की छूट दे दी और उसका नतीजा सामने है। 2018 में तो कांग्रेस की सरकार भी बन गई लेकिन कमलनाथ के उसी अड़ियल रुख की वजह से 22 विधायक भाजपा में चले गए और सरकार गिर गई। भाजपा ने राज्य में सरकार बनाई, और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री के रूप में लौट आए। उस समय सरकार गिरने के लिए भी कमलनाथ को जिम्मेदार माना गया। उन्हें विधायकों के असंतुष्ट होने और भाजपा में जाने की भनक तक नहीं लगी थी।
राजनीति से और खबरें
2023 के विधानसभा चुनाव को भी कमलनाथ ने 2018 वाले रवैए जैसा लिया। यहां तक कि वो कांग्रेस आलाकमान का दखल भी नहीं चाहते थे। उन्होंने राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं की ज्यादा रैलियां भी एमपी में नहीं होने दीं। उन्होंने खुद सारे टिकटों का फैसला किया। कांग्रेस आलाकमान के दूतों और उनके सुझावों को भी चुनाव अभियान के दौरान कोई तवज्जो कमलनाथ ने नहीं दी। नतीजा यह निकला कि कांग्रेस ने 2018 से भी खराब प्रदर्शन इस चुनाव में किया।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें