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राष्ट्रीय पार्टी बनाएंगे केसीआर; बीजेपी का विकल्प खड़ा कर पाएंगे?

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव उर्फ केसीआर ने एलान किया है कि वह एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल का गठन करेंगे। केसीआर की रविवार को जेडीएस के नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी से मुलाकात हुई और इसके बाद राष्ट्रीय राजनीतिक दल को लॉन्च किए जाने की बात सामने आई है। 

केसीआर के बारे में यह लंबे वक्त से कहा जा रहा है कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने बेटे के. तारक रामाराव को सौंपकर राष्ट्रीय राजनीति में आना चाहते हैं। उनकी कोशिश 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक अलग सियासी मोर्चा बनाने की है और इसके लिए वह तमाम विपक्षी दलों को एक मंच पर लाकर फेडरल फ्रंट बनाना चाहते हैं।

बीजेपी से है लड़ाई 

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के मुखिया केसीआर जानते हैं कि तेलंगाना में उनकी चुनावी लड़ाई अब बीजेपी से ही है। तेलंगाना में अगले साल मई में विधानसभा के चुनाव होने हैं और बीजेपी राज्य में तेजी से अपना विस्तार करने में जुटी है। केसीआर को तेलंगाना में बीजेपी से चुनौती मिल रही है और ऐसे में वह भी बीजेपी को तेलंगाना से बाहर घेरने की कोशिश में हैं।

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केसीआर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते रहे हैं। वह कह चुके हैं कि मोदी सरकार को जाना चाहिए और एक गैर बीजेपी सरकार को केंद्र की सत्ता में आना चाहिए। 

तमाम नेताओं से की मुलाकात

केसीआर ने कुछ दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। केसीआर ने इस साल की शुरुआत में भी 3 दिन तक दिल्ली में रुक कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की थी। उससे पहले वह महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिले थे। 

इस साल जनवरी में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैदराबाद पहुंचे थे और केसीआर से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच राष्ट्रीय दलों विशेषकर बीजेपी के खिलाफ एक मोर्चा खड़ा करने पर बात हुई थी। 

K Chandrasekhar Rao launch his national party - Satya Hindi

जनवरी में ही केसीआर ने सीपीएम और सीपीआई के बड़े नेताओं से मुलाकात की थी और उससे पहले वह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से भी मुलाकात कर चुके हैं। कुल मिलाकर केसीआर की कोशिश तमाम विपक्षी दलों और नेताओं को साथ लाकर राष्ट्रीय स्तर पर एक विकल्प खड़ा करने की है। 

कांग्रेस से बनाए रखेंगे दूरी?

केसीआर को एंटी बीजेपी फ्रंट बनाने की इस मुहिम में कुमारस्वामी का भी साथ मिला है। हालांकि केसीआर कांग्रेस को अपने फ्रंट में लेने के लिए तैयार नहीं हैं। केसीआर का कहना है कि कांग्रेस अब बीजेपी का मजबूत विकल्प नहीं है और लोग उसके नेतृत्व से भरोसा खो चुके हैं। 

राष्ट्रीय राजनीतिक दल के एलान से पहले केसीआर ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से भी बातचीत की। आने वाले दिनों में केसीआर देश भर के तमाम बुद्धिजीवियों, सामाजिक संगठनों और वाम दलों के नेताओं से मुलाकात कर उन्हें जोड़ने की कोशिश करेंगे।

विपक्षी एकता की कवायद 

बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले देश में विपक्षी नेताओं को एक मंच पर लाने की बातें जोर-शोर से की जा रही हैं। कुछ दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता की कोशिशों के मद्देनजर ही दिल्ली आए थे। नीतीश कुमार ने यहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव, उनके बेटे अखिलेश यादव, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी सहित तमाम नेताओं से मुलाकात की थी। इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पटना आकर नीतीश कुमार से मिले थे। 

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा है कि वह हेमंत सोरेन, नीतीश कुमार और अन्य विपक्षी नेताओं के साथ एक मंच पर आकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। 

केसीआर ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी यूपीए से अलग हटकर विपक्षी दलों का एक फ्रंट बनाने की कोशिश की थी। लेकिन तब उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिली थी। देखना होगा कि क्या इस बार उनकी कोशिश रंग लाती है।

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