loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

आगे

कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय

पीछे

कांग्रेस को कमजोर कर के विपक्षी एकता मज़बूत नहीं हो सकती: रमेश

भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राजनीतिक पंडितों के मन में काफ़ी आशंका है कि इससे कांग्रेस को कोई चुनावी फ़ायदा नहीं होगा और यात्रा ख़त्म होते ही फिर पहले जैसे हालत हो जायेंगे। लेकिन रमेश का कहना है कि यात्रा से पार्टी में नई ऊर्जा का संचार हुआ है और यात्रा के बाद भी ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ तथा दूसरे और कार्यक्रमों के ज़रिये संगठन को मज़बूत करने का काम जारी रहेगा। 
आशुतोष

भारत के इतिहास में ऐसे मौक़े बहुत कम आये हैं जब किसी व्यक्ति ने देश के एक कोने से दूसरे कोने की पदयात्रा की हो। महान दार्शनिक शंकराचार्य और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का बरबस ही ख़्याल हो आता है। शंकराचार्य की यात्रा ने हिंदू धर्म को बुनियादी तौर पर बदल दिया था और चंद्रशेखर ने जनता पार्टी की पराजय से उपजी निराशा को दूर करने के लिये भारत यात्रा की थी। वो कामयाब होते इसके पहले ही इंदिरा गांधी की हत्या ने देश का परिदृश्य बदल दिया। 

अब राहुल गांधी भारत को कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल मथ रहे हैं और अटकलें लग रही हैं कि क्या भयानक राजनीतिक संकट में घिरी कांग्रेस को इससे नया जीवन मिल पायेगा? 

ये यात्रा सिर्फ़ राहुल गांधी के पैदल चलने का नाम नहीं है, ये दरअसल कांग्रेस के अपने अंतर्मन में झांकने की यात्रा भी है, अपनी ग़लतियों और कमियों को नये सिरे से खोजने की भी यात्रा है? क्या पार्टी यात्रा के सौ दिनों में किसी निष्कर्ष पर पंहुच पायी? क्या उसे कोई नया मंत्र मिला? 

jairam ramesh bharat jodo yatra congress - Satya Hindi

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश पूरी यात्रा में राहुल के साथ रहे। वह आज की तारीख़ में पार्टी के बड़े रणनीतिकार माने जाते हैं। उनका कहना है, “आज़ादी के बाद कांग्रेस पार्टी एक चुनावी मशीन में तब्दील हो गई थी और विचारधारा पीछे छूट गई थी। ये यात्रा पार्टी की विचारधारा और उसके संगठन की ऊर्जा को नये सिरे से खोजने की प्रक्रिया का नाम है।” 

ताज़ा ख़बरें
सत्य हिंदी से बातचीत में हालाँकि वह दार्शनिक अंदाज में कहते हैं, “हम यात्रा ये सोच कर नहीं कर रहे हैं कि क्या हासिल होगा और क्या नहीं। कर्मण्येवाधिकारस्ते माँ फलेषु कदाचन। गीता के अनुसार कर्म किये जाओ और फल की चिंता मत करो। यानी मनुष्य का धर्म काम करना है। फल क्या होगा, उस पर उसका ज़ोर नहीं है। यानी पूरी यात्रा निष्काम कर्म का एक उदाहरण है।” 

सत्य हिंदी से बातचीत में वह आगे कहते हैं कि यात्रा से पहले बीजेपी का नैरेटिव सब तरफ़ था। यात्रा के बाद अब लोग कांग्रेस के नैरेटिव की बात करने लगे हैं। जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस का नया नैरेटिव क्या है, तो वह कहते हैं कि हम सिर्फ़ आज़ादी के बाद के वक्त में नहीं रह सकते हैं। बहुत कुछ बदला है। 

कांग्रेस जब चुनाव की मशीन बन गई तो बीजेपी ने अपनी विचारधारा को देश के सामने रखा और उसे लोगों ने अपना भी लिया। हमें भी बदलना होगा। पुराने को छोड़ना नहीं है लेकिन नये हालात के हिसाब से तब्दीली लानी होगी। वह कहते हैं, “बीजेपी के हिंदुत्व के बरक्स कांग्रेस कहती है अनेकता में ही एकता है। यहाँ एकरूपता नहीं चल सकती। ये देश बहुधार्मिक देश है। सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिये। किसी एक धर्म को वरीयता नहीं मिलनी चाहिये। सरकार किसी एक धर्म के साथ नहीं हो सकती। उसका काम धर्मों के बीच फ़र्क़ करना नहीं है।” 

jairam ramesh bharat jodo yatra congress - Satya Hindi

क्या राहुल अपने को हिंदू साबित करना चाहते हैं, इसलिये वह उज्जैन में हिंदू रंग में रंगे दिखायी पड़ते हैं? इस सवाल के जवाब में रमेश कहते हैं कि जब हम गुरुद्वारे जाते हैं, मस्जिद जाते हैं तो मीडिया हमें नहीं दिखाता लेकिन मंदिर जाते हैं तो दिखाता है। हम सर्वधर्म सद्भाव की बात करते हैं। फिर वह हिंदुत्व अपनाने के सवाल पर कटाक्ष करते हैं और कन्हैया कुमार के हवाले से कहते हैं कि हिंदुत्व कोई फ़ेयर एंड लवली है कि जब चाहो मुँह पर लगा लो। 

जयराम रमेश आगे कहते हैं, “कांग्रेस की विचारधारा सेकुलरिजम है, संविधान में उसकी पूरी निष्ठा है और आर्थिक क्षेत्र में पब्लिक सेक्टर पर ज़ोर हमारी विचारधारा के मुख्य अंग हैं।” 

‘हाथ से हाथ जोड़ो’

यात्रा को लेकर राजनीतिक पंडितों के मन में काफ़ी आशंका है कि इससे कांग्रेस को कोई चुनावी फ़ायदा नहीं होगा और यात्रा ख़त्म होते ही फिर पहले जैसे हालत हो जायेंगे। लेकिन रमेश का कहना है कि यात्रा से पार्टी में नई ऊर्जा का संचार हुआ है और यात्रा के बाद भी ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ तथा दूसरे और कार्यक्रमों के ज़रिये संगठन को मज़बूत करने का काम जारी रहेगा। 

jairam ramesh bharat jodo yatra congress - Satya Hindi
जब विपक्षी एकता पर सवाल पूछा गया तो जयराम रमेश ने कहा, “कमजोर कांग्रेस से विपक्ष मज़बूत नहीं होगा और सिर्फ़ एंटी मोदी मंच बनने से काम नहीं चलेगा। एक रचनात्मक कार्यक्रम बनाना होगा। लोगों के सामने प्रोग्राम रखना होगा और बताना होगा कि हम सरकार में आने पर क्या काम करेंगे। ऐसे में सिर्फ मोदी विरोधी प्लेटफ़ॉर्म बना देने भर से विपक्ष मज़बूत नहीं होगा।” 
राजनीति से और खबरें

जयराम रमेश ने साफ़ तौर पर कहा कि अगर कोई ये सोचे कि विपक्षी एकता के नाम पर कांग्रेस को 200 सीट दे देंगे और पार्टी मान जायेगी, ये संभव नहीं है। उनका साफ़ कहना है कि मज़बूत कांग्रेस देश के हित में है और कांग्रेस को कमजोर कर के विपक्षी एकता मज़बूत नहीं हो सकती है। 

साफ़ है कि कांग्रेस को एहसास है कि पार्टी को नये सिरे से अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा, विचारधारा और संगठन पर काम करना होगा। भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल की छवि को बदलने का काम किया है और कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा, ऐसा कांग्रेस को लगता है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
आशुतोष
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें