इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार और शुक्रवार को इंडिया गठबंधन की मुंबई बैठक में 28 दलों के प्रमुख मौजूद होंगे।
एजेंडे में पहले दिन लोगो का अनावरण हो सकता है। लेकिन असली काम होगा को-ऑर्डिनेटरों की नियुक्ति और समूह का औपचारिक ढांचा खड़ा करना जो को-ऑर्डिनेटरों के जरिए होगा।
इंडिया गठबंधन के लिए संयोजक नियुक्त करने का विचार विवादास्पद हो गया है। क्योंकि इसकी रेस में कई नेता कूद पड़े हैं। हालांकि कई दल अपने नेताओं में से किसी एक को अध्यक्ष या संयोजक के रूप में आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित नहीं हैं। समझा जाता है कि गुरुवार को अनौपचारिक बैठक के बाद शुक्रवार को औपचारिक बैठक के दौरान सीट बंटवारे के मुद्दे को तय करने के लिए एक कमेटी सहित कई अन्य कमेटियों की घोषणा हो सकती है। हालांकि इन कमेटियों को सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय करने के लिए निश्चित समय सीमा दी जा सकती है।
सूत्रों ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर तालमेल बैठाने, सामान्य बातचीत के प्वाइंट्स की पहचान करने के लिए एक उप-समूह बनाने का सुझाव मिला है। इसके अलावा, पार्टियों के बीच एक कोऑर्डिनेशन कमेटी के साथ-साथ अभियान प्रबंधन (कैंपेन मैनजमेंट) के लिए एक दफ्तर की घोषणा भी हो सकती है। यानी तमाम विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं की जो भी रैलियां होंगी वो एक साथ होंगी और उसकी जिम्मेदारी यही दफ्तर संभालेगा।
बैठक से पहले एक नेता ने कहा कि “अब समय आ गया है कि हम इंडिया का ढांचा खड़ा करें। पार्टियों के प्रमुख हर महीने एक नई जगह बैठक नहीं कर सकते।'' यानी तमाम कमेटियों के नेता दिल्ली या मुंबई में हर महीने बैठक कर सकते हैं। उसके लिए बड़े आयोजन की जरूरत नहीं है। बहरहाल गुरुवार के कार्यक्रम में एक अनौपचारिक बैठक और शिव सेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे द्वारा आयोजित रात्रिभोज शामिल है। इस अनौपचारिक बैठक में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में उतरने पर कांग्रेस की नाखुशी और बदले में भ्रामक संकेतों को लेकर आप की नाराजगी जैसे मुद्दों को सुलझाने पर बात होगी। दिल्ली में सीट बंटवारे की भी चर्चा हो सकती है।
इंडिया गठबंधन के सामने सबसे कड़ी चुनौती सीट बंटवारे का फॉर्मूला तलाशना है। सूत्रों ने कहा कि इस कठिन मुद्दे को फिर से टाला जा सकता है। सीट वितरण की व्यापक रूपरेखा पर बात हो सकती है। सीट वितरण नेताओं की कमेटी पर छोड़ा जा सकता है।
पवार ने बुधवार को मीडिया से कहा था कि “हमने अभी तक सीट-बंटवारे पर चर्चा शुरू नहीं की है। संभव है कि चर्चा हो। अगर ऐसा होता है, तो कुछ लोगों को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। इसी बातचीत में पवार ने कहा था कि बैठक में 28 राजनीतिक दलों के लगभग 63 प्रतिनिधि भाग लेंगे। बेंगलुरु बैठक में 26 दल शामिल हुए थे। ताजा शामिल हुए दो दल कौन से हैं, अभी स्थिति साफ नहीं है।
आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता ने जिस तरह से बुधवार को अरविन्द केजरीवाल को पीएम पद की रेस में बताया था, उससे बाकी राजनीतिक दल प्रभावित नहीं हुए और न ही कोई प्रतिक्रिया दी। उद्धव ठाकरे ने शाम की प्रेस कॉन्फ्रेस में सिर्फ यही कहा था कि इंडिया गठबंधन में तो कई नेता हैं लेकिन एनडीए के पास कौन है।
बहरहाल, गुरुवार की अनौपचारिक बैठक में सभी की नजरें एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर होंगी। शरद पवार जिस तरह के संदेश दे रहे हैं, नेता उससे निराश हैं। एनसीपी सुप्रीमो अपने भतीजे अजीत पवार के साथ अपने संबंधों पर स्थिति साफ करने से कतरा रहे हैं। अजीत पवार बगावत कर महाराष्ट्र में एनडीए सरकार में शामिल हो गए। बहुत मुमकिन है कि शरद पवार गुरुवार की बैठक में अपनी सफाई पेश करें।
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