लंबे दौर की बातचीत के बाद, कांग्रेस और AAP ने चंडीगढ़ में मेयर चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला किया है। दोनों दलों में समझौते के तहत आम आदमी पार्टी के हिस्से में चंडीगढ़ मेयर प्रत्याशी की सीट आई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन बंसल ने सोमवार को घोषणा की कि कांग्रेस वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर पदों के लिए अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। इंडिया गठबंधन के नजरिए से इसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
हालांकि आप और कांग्रेस ने पिछले महीने सीट-बंटवारे का समीकरण तय नहीं होने के कारण चंडीगढ़ में मेयर चुनाव के लिए अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। लेकिन सोमवार को हुए घटनाक्रम के बाद फिर से घोषणा की गई।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन बंसल ने कहा- "हम चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर आम सहमति तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं। आप के पास यहां अधिक विधायक हैं और इसलिए, हमने उन्हें मेयर पद पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। चंडीगढ़ में आप और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर भविष्य की बातचीत के लिए एक खाका तैयार कर लिया है।"
मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव 18 जनवरी को होंगे। मेयर का पद इस बार एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। ये चुनाव महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनसे 2024 के महत्वपूर्ण लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन और बीजेपी की संभावनाओं के बारे में संकेत देंगे।
यह लोकसभा की बड़ी लड़ाई से पहले भाजपा के खिलाफ इंडिया गठबंधन के लिए एक अग्निपरीक्षा भी होगी। पंजाब में अभी भी आप और कांग्रेस किसी समझौते पर नहीं पहुंचे हैं। पंजाब में आप लोकसभा की ज्यादा सीटें मांग रही है, जबकि लोकसभा चुनाव में उसका पिछला रेकॉर्ड अच्छा नहीं था।
पिछले चुनाव में क्या हुआ था
बहरहाल, सोमवार से पहले कांग्रेस ने वार्ड नंबर-24 से अपने पार्षद जसबीर सिंह बंटी को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया था। पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी और निर्मला देवी को क्रमश: सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया। आप ने मेयर सीट के लिए वार्ड नंबर-26 से कुलदीप कुमार को अपना उम्मीदवार घोषित किया थाष सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए पार्षद नेहा मुसावत और पूनम संदीप कुमार को आप उम्मीदवार बनाया गया था। लेकिन अब समीकरण बदल गए हैं।
मनोज सोनकर, कुलजीत संधू और राजिंदर शर्मा क्रमशः मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार हैं।चंडीगढ़ नगर निगम में 35 पार्षद हैं। आप के एक पार्षद के भाजपा में जाने के बाद उसके पास 16 पार्षद हैं। आप के पास 12 पार्षद हैं जबकि कांग्रेस के पास सात पार्षद हैं।
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