इस घटनाक्रम को I.N.D.I.A के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसने आगामी लोकसभा चुनावों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को घेरने की कोशिश में एक साथ आने का फैसला किया था। मंगलवार रात सीएम कुमार ने अपने राजनीतिक गुरु कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने के केंद्र के फैसले के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया था।
बिहार में आरजेडी-जेडीयू खेमे में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के गुरुवार के ट्वीट से तो यही लगता है। मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बुधवार को कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के अपनी सरकार के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की थी। नीतीश ने परिवारवाद पर भी हमला किया था। यह इशारा जहां था, वहां तक बात पहुंच गई।
इसे नीतीश कुमार पर कटाक्ष के रूप में समझा जा सकता है, रोहिणी ने एक के बाद एक ट्वीट्स में बिहार के सीएम को कहा, "एक समाजवादी जो हवाओं की तरह विचारधारा बदल रहा है। खीज जाहिर करने से क्या होगा? जब कोई हमारे योग्य नहीं है... कानून के शासन की अवहेलना कौन कर सकता है? जब किसी की नीयत में खोट हो।” हालांकि इस ट्वीट को वापस ले लिया गया है। लेकिन यह ट्वीट काफी देर तक सोशल मीडिया पर रहा। अब यह वायरल भी हैय़
बुधवार को नीतीश कुमार ने कहा था, "कर्पूरी ठाकुर बिहार के सबसे बड़े समाजवादी नेता थे। आप सभी को याद रखना चाहिए कि अन्य बातों के अलावा, कर्पूरी ठाकुर को अपने परिवार को बढ़ावा देने के लिए कभी भी अपने रसूख का इस्तेमाल नहीं करने के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने हमेशा आम लोगों के बारे में सोचा। बिहार आज के कई नेताओं से बिल्कुल अलग है जो केवल अपने परिवार के सदस्यों को बढ़ावा देते हैं। मैंने उनसे प्रेरणा ली है। आप सभी जानते हैं कि मैंने कभी भी अपने परिवार के किसी सदस्य को बढ़ावा देने की कोशिश नहीं की।"
इसी तर्ज पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा, "नीतीश कुमारजी ने कर्पूरी ठाकुर द्वारा अपने बेटे को एमएलए का टिकट नहीं देने के तरीके की सराहना की। उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को 'भारत रत्न' देने के लिए पीएम की भी सराहना की।" बता दें कि तीन दिन पहले बिहार में उस समय भी राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी, जब मुख्यमंत्री राज्यपाल से मिलने राजभवन गए थे। उनके साथ उनके मंत्री थे लेकिन वो तेजस्वी यादव को साथ नहीं ले गए थे। इसके बाद आरजेडी और जेडीयू ने इसे नीतीश और राज्यपाल की शिष्टाचार मुलाकात बताया था। लेकिन बिहार में बुधवार से तमाम अटकलें चल रही हैं।
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