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बंगाल में ममता के खिलाफ बढ़ते आक्रोश से इंडिया गठबंधन बेचैन

कोलकाता के अस्पताल में रेप और हत्या की घटना पर शुरुआत में ममता बनर्जी सरकार का समर्थन करने के बाद अब इंडिया गठबंधन की पार्टियों में तृणमूल कांग्रेस के इस मुद्दे पर निपटने के तरीके पर बेचैनी दिख रही है। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद गठबंधन के भीतर यह पहला गंभीर मामला है। हाल ही में संसद सत्र के दौरान इंडिया गुट ने एकजुटता का प्रदर्शन किया था। लेकिन कोलकाता की घटना ने हालात बदल दिए हैं। दूसरी तरफ भाजपा ममता के इस्तीफे की मांग कर रही है। 

इंडियन एक्सप्रेस ने जिन नेताओं से बात की, वे इस बात को लेकर चिंतित थे कि बीजेपी इस मुद्दे का फायदा उठाएगी, लेकिन उन्होंने घटना से निपटने के सरकार के तरीके पर सवाल उठाए। नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार जिस तरह ममता की आलोचना करने वालों पर हमले करने वालों पर कार्रवाई कर रही है, वो गलत है। खासतौर पर अपने ही राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रे के खिलाफ कार्रवाई की कोई जरूरत ही नहीं थी।

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नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कोलकाता की घटना पर कहा था कि "पीड़ित को न्याय दिलाने के बजाय आरोपियों को बचाने की कोशिश।" राहुल ने अस्पताल और स्थानीय प्रशासन के बारे में गंभीर सवाल उठाए थे। राहुल के इस ट्वीट पर टीएमसी ने जबरदस्त हमला बोला। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उन्हें राहुल गांधी के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद टीएमसी द्वारा उन पर बार-बार किए जाने वाले हमलों की उम्मीद नहीं थी।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी की राज्य इकाई ने राहुल से और अधिक आक्रामक रुख की मांग की थी। क्योंकि प्रदेश कांग्रेस का मानना है कि ममता सरकार ने कई स्तरों पर स्पष्ट रूप से "गड़बड़" की है। लेकिन प्रदेश कांग्रेस के दबाव के बावजूद राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणी काफी सामान्य रखी थी। लेकिन टीएमसी नेताओं ने राहुल पर भी हमला कर दिया। यहां तक भी ठीक था लेकिन ममता सरकार ने जिस तरह बाद की घटनाओं में रुख दिखाया, उस पर इंडिया गठबंधन के नेता चिंतित हैं। डॉक्टरों के प्रदर्शन पर हमला और मेडिकल कॉलेज में घुसकर तोड़फोड़, ममता के आलोचकों पर एफआईआर आदि को इंडिया गठबंधन के नेता सही नहीं मान रहे हैं।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, “आज, एक टीएमसी मंत्री को टेलीविजन पर यह कहते हुए दिखाया गया कि ममता बनर्जी पर उंगली उठाने वालों की उंगलियां तोड़ दी जाएंगी… फिर टीएमसी ने अपने ही राज्यसभा सांसद रे को नोटिस दे दिया… ये ऐसे मामले हैं जिनका बचाव नहीं किया जा सकता।” एक अन्य नेता ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि "भाजपा राजनीति खेल रही है" क्योंकि वह बंगाल में जमीन हासिल करने की कोशिश कर रही है लेकिन "राज्य सरकार के कुछ कदम तर्क के विपरीत हैं।"

एक गैर-कांग्रेस पार्टी के सांसद ने कहा कि ममता सरकार तीन स्तरों पर लड़खड़ा गई - आर जी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के मामले में, जिन्हें वहां से हटाने के फौरन बाद दूसरे अस्पताल के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों पर आधी रात को हुए हमले की सुरक्षा करने में विफलता और अस्पताल में क्राइम सीन के पास कुछ सबूत नष्ट करने की अनुमति कैसे दी गई।

सांसद ने कहा कि टीएमसी भाजपा और सीपीआई (एम) को दोष दे रही है। लेकिन इससे तो लगता है कि “मानो आप पूरी तरह से गैर-जवाबदेह हैं और आपसे कुछ भी नहीं पूछा जाना चाहिए। और आपके सांसद हर घंटे ट्वीट करके सीबीआई पर सवाल उठा रहे हैं... यह इस समय अशोभनीय है। अब टीएमसी नेताओं को मेरी सलाह है कि झूठ जरा धीरे से बोलें।''

एक विपक्षी नेता ने बताया कि कैसे कोलकाता विवाद ने सरकार के खिलाफ उनके अभियान को प्रभावित किया है। नेता ने कहा कि कहां तो हम मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई न होना, गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई को लेकर भाजपा पर हमला कर रहे थे। रेप के दोषी गुरमीत राम रहीम को बार-बार दी गई पैरोल और भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं को उठा रहे थे लेकिन कोलकाता ने सब दबा दिया। यह अच्छा है कि सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले पर संज्ञान लिया है।

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि राहुल गांधी भी इस मामले पर जब तक चुप रह सकते थे, चुप रहे। प्रदेश कांग्रेस को सड़क पर गुस्सा दिखाना चाहिए, और वे वही कर रहे हैं जो उन्हें करना चाहिए। कहीं न कहीं केंद्रीय नेतृत्व को भी अपना रुख स्पष्ट करना पड़ा। अगर आपने गौर किया हो तो राहुल गांधी ने घटना के दो-तीन दिन बाद बात कही थी। न तो वह और न ही प्रियंका गांधी वाड्रा कोलकाता गए। जबकि ऐसी घटनाओं पर राहुल और प्रियंका पीड़ित परिवारों से जाकर मिलते रहे हैं।

कोलकाता पुलिस द्वारा टीएमसी सांसद रे को नोटिस पर एक नेता ने कहा, 'राज्यसभा में उपनेता या मुख्य सचेतक नियुक्त नहीं किए जाने से रे नाखुश हो सकते हैं। लेकिन वह अलग बात है। कोलकाता पुलिस द्वारा उन्हें नोटिस भेजना टीएमसी सरकार की छवि खराब करता है।

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डीएमके नेता और लोकसभा सांसद के. कनिमोझी ने मणिपुर, जम्मू-कश्मीर के कठुआ और हाथरस (सभी जगह भाजपा सरकार) में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए मारे गए डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए अपने पहले के बयान को दोहराया। कनिमोझी ने कहा कि  “हमें यह काम दृढ़ता से करना चाहिए कि ऐसे जघन्य कृत्यों को रोका जाए। कभी भाजपा का विलाप हमने हाथरस या कठुआ जैसे अनगिनत मामलों पर नहीं सुना।

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क़मर वहीद नक़वी
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