इंडिया गठबंधन की चुनाव रणनीति समिति की बैठक बुधवार 13 सितंबर को सीट बंटवारे पर बातचीत शुरू करने जा रही है। इस सिलसिले की यह पहली बैठक होगी। बैठक एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर शाम को होगी। इस बैठक में इंडिया के कैंपेन यानी संपर्क अभियान पर भी बात होगी।
इंडिया का समन्वय पैनल जहां कैंपेन कमेटी की होने वाली संयुक्त रैलियों पर बातचीत करेगा। वहीं टीएमसी, जेडीयू, आरजेडी, सपा और आप सहित कई दलों के नेताओं का पूरा फोकस सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर है। क्षेत्रीय दल चाहते हैं कि यह मसला जल्द से जल्द हल हो ताकि क्षेत्रीय पार्टियां उसी हिसाब से अपनी भी रणनीति बना सकें।
इंडिया के वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “हम कैंपेन, सोशल मीडिया और मीडिया रणनीति और अन्य सभी प्वाइंट्स पर चर्चा कर रहे हैं। लेकिन इसका फायदा तभी होगा, जब हमारा अंतिम प्रोडक्ट यानी सीट बंटवारा तैयार होगा। इसके लिए सीट-बंटवारे का फॉर्मूला जल्द से जल्द पूरा करना होगा।”
सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चेन्नई, गुवाहाटी, दिल्ली, पटना और नागपुर में कम से कम पांच संयुक्त रैलियां करके विपक्ष अपने अभियान की शुरुआत करना चाहता है। एक नेता ने कहा, विचार यह है कि शीर्ष नेताओं को हर रैली में एक मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना था। अभियान समिति ने चुनावी राज्यों के अलावा उत्तर प्रदेश में भी संयुक्त रैलियां प्रस्तावित की हैं।
1 सितंबर को अपने दो दिवसीय मुंबई सम्मेलन के अंत में जारी इंडिया ने संयुक्त बयान में कहा था कि पार्टियां 2024 का लोकसभा चुनाव "जहां तक संभव हो" एक साथ लड़ेंगी और विभिन्न राज्यों में सीट-बंटवारे पर बात "शुरू की जाएगी" और “जल्द से जल्द” नतीजा निकाला जाएगा।
इंडिया के 14 सदस्यीय कोऑर्डिनेशनल पैनल की बैठक में टीएमसी सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी शायद शामिल न हों। क्योंकि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित जॉब स्कैम मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है। ममता बनर्जी विदेश में हैं।
टीएमसी ने बैठक में किसी भी प्रतिनिधि को नहीं भेजने का फैसला किया है। उम्मीद है कि भारतीय नेता बेंगलुरु सम्मेलन में दिए गए अपने संयुक्त बयान की फिर से पुष्टि करेंगे, जिसमें "राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ भाजपा सरकार द्वारा एजेंसियों के बेशर्म दुरुपयोग" के खिलाफ बात की गई थी।
बैठक में केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), टी आर बालू (डीएमके), हेमंत सोरेन (जेएमएम), संजय राउत (उद्धव ठाकरे सेना), तेजस्वी यादव (आरजेडी), राघव चड्ढा (आप), जावेद अली खान (एसपी), लल्लन सिंह (जेडीयू), डी राजा (सीपीआई), उमर अब्दुल्ला (एनसी), और महबूबा मुफ्ती (पीडीपी) शामिल हो सकते हैं।
सीपीएम भी इस बैठक में शामिल नहीं होगी क्योंकि उसने अभी तक समिति के लिए किसी सदस्य को नामित नहीं किया है। पार्टी के प्रतिनिधि पर फैसला 16-17 सितंबर को होने वाली पोलित ब्यूरो की बैठक में लिया जाएगा।
इंडिया के कोऑर्डिनेशन पैनल की बैठक ऐसे समय हो रही है जब डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है। अधिकांश विपक्षी दल उदयनिधि की टिप्पणियों से परेशान हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे भाजपा को अनावश्यक रूप से गठबंधन पर हमला करने और इसे "हिंदू विरोधी" के रूप में चित्रित करने का मौका मिला। सूत्रों ने कहा कि बैठक में कुछ दल इस मुद्दे पर अपने विचार बता सकते हैं। कांग्रेस पहले ही उदयनिधि की टिप्पणी से खुद को अलग कर चुकी है। ममता ने भी अपनी असहमति जताई है।
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